Edited By Vijay, Updated: 09 Sep, 2024 07:20 PM
हिमाचल की सीमा में पहुंचने पर लाहौल के लोग पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक का स्वागत करेंगे। सोनम वांगचुक और लेह एपेक्स बॉडी के पदाधिकारियों के नेतृत्व वाली इस यात्रा के 11 सितम्बर को सरचू पहुंचने की उम्मीद है।
मनाली (सोनू): हिमाचल की सीमा में पहुंचने पर लाहौल के लोग पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक का स्वागत करेंगे। सोनम वांगचुक और लेह एपेक्स बॉडी के पदाधिकारियों के नेतृत्व वाली इस यात्रा के 11 सितम्बर को सरचू पहुंचने की उम्मीद है। पदयात्रा 13 से 15 सितम्बर तक दारचा, केलांग व खंगसर में रुकेगी। सभी जगह रहने का इंतजाम लाहौल के लोगों की ओर से किया जाएगा। लद्दाख को राज्य बनाने, संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने, लोकसभा की 2 सीटें बनाने जैसे मुद्दों को लेकर पदयात्रा की जा रही है।
इतिहास में इस तरह की यह पहली व अनूठी पदयात्रा है जो लेह से दिल्ली तक आयोजित हो रही है। गौर रहे कि रविवार को लेह के एनडीएस मैमोरियल पार्क से पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक और लेह एपेक्स बॉडी के पदाधिकारियों के नेतृत्व में 100 से अधिक लद्दाख वासी दिल्ली रवाना हुए। इस यात्रा में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी शामिल हैं। इस पदयात्रा के दौरान एक दिन में यह लोग 25 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। सोनम वांगचुक के नेतृत्व में आयोजित यह पदयात्रा 2 अक्तूबर को दिल्ली में संपन्न होगी।
रिगजिन हायरपा ने बताया कि इस पदयात्रा में 71 लोग हैं। उन्होंने बताया कि पदयात्रा में शामिल लद्दाख के लोगों के लिए 13 को दारचा में, 14 को केलांग, 15 को खंगसर, जबकि 16 को धुंधी में रहने की व्यवस्था की जाएगी। 17 को पदयात्रा पर्यटन नगरी मनाली पहुंचेंगी। उन्होंने कहा कि ग्राम कमेटी, महिला मंडल, युवा मंडल तथा समस्त संस्थाएं व संगठन अपना सहयोग देंगे। उन्होंने सभी से इस अभियान में सहयोग देने का आग्रह किया है।
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