एसजेवीएन बना रहा नेपाल का सबसे बड़ा हाईड्रो पावर प्रोजैक्ट

Edited By prashant sharma, Updated: 17 Jan, 2022 10:39 AM

sjvn is building nepal s largest hydro power project

भारत की प्रमुख विद्युत उत्पादक कंपनी व हिमाचल और केंद्र सरकार का सांझा उपक्रम सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) पड़ोसी देश नेपाल में 900 मैगावाट के सबसे बड़े हाईड्रो पावर प्रोजैक्ट का निर्माण कर रहा है।

शिमला (हैडली) : भारत की प्रमुख विद्युत उत्पादक कंपनी व हिमाचल और केंद्र सरकार का सांझा उपक्रम सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) पड़ोसी देश नेपाल में 900 मैगावाट के सबसे बड़े हाईड्रो पावर प्रोजैक्ट का निर्माण कर रहा है। एसजेवीएन के अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत, कार्यकुशलता व लगन की बदौलत नेपाल की अरुण नदी पर निर्माणाधीन ये प्रोजैक्ट लक्ष्य से 2 साल पहले बन कर तैयार हो जाएगा। दरअसल केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 में इस परियोजना को तैयार करने का लक्ष्य दिया था लेकिन एसजेवीएन इस परियोजना को समय से पहले पूरा करने की दिशा में बढ़ रही है और वर्ष 2023 में प्रोजैक्ट से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस प्रोजैक्ट से एक साल में 4,018.87 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा

एसजेवीएन के अधिकारियों और कर्मचारियों का जज्बा

इस कामयाबी की सबसे बड़ी वजह एसजेवीएन के अधिकारियों और कर्मचारियों का जज्बा है, जो कोरोना महामारी के बीच विकट हालातों में नेपाल में सैनिकों की तरह डट कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। हिमाचल से नेपाल गए अधिकतर अधिकारी व कर्मचारी वहां विकट परिस्थितियों में प्रोजैक्ट को सिरे चढ़ाने का कार्य लगन से कर रहे हैं, जिसका वह सारा श्रेय एसजेवीएनए के प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा को देते हैं।  

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अरुण-3 नेपाल में बन रहे प्रोजैक्ट से बिहार तक पहुंचेगी बिजली

नेपाल के पूर्व में अत्यंत दुर्गम संखुवासवा जिले में निर्माणाधीन अरुण-3 नेपाल का सबसे बड़ा हाईड्रो पावर प्लांट है। यह अरुण नदी पर स्थित है। इसका मुख्यालय काठमांडू से 500 किलोमीटर दूर खांडबरी-9 तुमलिंगतर में है। इस हाईड्रो प्रोजैक्ट में 70 मीटर ऊंचा गुरुत्व बांध और भूमिगत पावर हाऊस के साथ लगभग 12 किलोमीटर की हैड रेस सुरंग नदी के बाएं किनारे पर बन रही है। प्रोजैक्ट की कुल 4 इकाइयों में से प्रत्येक इकाई से 225 मैगावाट बिजली पैदा होगी। प्रोजैक्ट की निर्माणाधीन साइट पर करीब अढ़ाई हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं, जिनमें से 2000 टैक्नीशियन और नेपाली श्रमिक हैं। मई, 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने सामरिक महत्व की इस 900 मैगावाट पावर प्लांट का शिलान्यास किया था।निगम के प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष नंद लाल शर्मा का कहना है कि इस प्रोजैक्ट के जल्द बनने से निगम को दोहरा लाभ होगा। इससे प्रोजैक्ट के निर्माण की लागत को भी कम किया जा सकेगा। 

सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है प्रोजैक्ट

नेपाल की चीन से लगती सीमा से कुछ ही दूरी पर बना ये प्रोजैक्ट सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल नेपाल में चीन लगातार अपनी ताकत दिखा रहा है। एसजेवीएन का ये प्रोजैक्ट नेपाल में अभी तक किसी भी देश का सबसे बड़ा निवेश है।  

अरुण नदी पर बन रही 11.8 किलोमीटर लंबी टनल, 90 फीसदी कार्य पूरा

प्रोजैक्ट के तहत अरुण नदी पर लगभग 11.8 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण हो रहा है। इस टनल का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। एसजेवीएन के अधिकारी व कर्मचारी दिन रात काम में डटे हैं।  

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अराजक तत्वों के निशाने पर रहा अरुण-3 प्रोजैक्ट

नेपाल के लिए अति महत्वपूर्ण माने जाने वाला ये प्रोजैक्ट अराजक तत्वों के निशाने पर रहा है। एसजेवीए. ने वर्ष 2018 में जब इस प्रोजैक्ट को हाथ में लिया, तो असामाजिक तत्वों द्वारा परियोजना स्थल पर कई अवरोध खड़े करने की कई कोशिशें हुईं। फरवरी, 2019 में प्रोजैक्ट के बिजलीघर के पास सिसिलेवार 3 बम धमाके हुए, जिसमें जनरेटर और सुरंग से पानी निकालने वाला बूमर क्षतिग्रस्त हो गया था। वर्ष 2018 में यहां आईईडी धमाका किया गया था। तब परियोजना के कार्यालय की चारदीवारी नष्ट हो गई थी। हालांकि इन बम धमाकों में कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ। इन घटनाओं के बाद नेपाल सरकार ने इस प्रोजैक्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी।

इनके ऊपर है प्रोजैक्ट की जिम्मेदारी

प्रोजैक्ट में सीईओ एसएपीडीसी अरुण धीमान, चीफ जीएम सिविल डिजाइन राकेश सहगल, चीफ फाइनांस ऑफिसर जितेंद्र यादव, मुख्य अभियंता प्लानिंग प्रदीप सिंह, मुख्य अभियंता कॉन्ट्रैक्ट विवेक शर्मा, मुख्य अभियंता इलैक्ट्रीकल प्रशांत शर्मा, मुख्य अभियंता सिविल विकास शर्मा, मुख्य अभियंता सिविल राकेश सिंह और जीएम विपुल ठाकुर शामिल हैं। प्रोजैक्ट का पावर हाऊस, सर्ज शाफ्ट, हेड रेस टनल डैम साइट इत्यादि का कार्य इन्हीं अधिकारियों के जिम्मे है। एसएपीडीसी के सीईओ अरुण धीमान ने बताया कि चेयरमैन नंद लाल शर्मा के मार्गदर्शन से अत्यंत विषम परिस्थितियों में कड़ी चुनौतियों के बीच इस प्रोजैक्ट को धरातल पर उतारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रोजैक्ट का कार्य अंतिम चरण में है और वर्ष 2023 में इसे कमीशन किया जाना निर्धारित है।
 

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