Edited By Kuldeep, Updated: 20 Dec, 2025 08:09 PM

आधार यानि यूआईडीएआई न केवल एक व्यक्ति विशिष्ट की पहचान है, अपितु यह कई मायनों में मददगार भी साबित हुआ है।
शिमला (संतोष): आधार यानि यूआईडीएआई न केवल एक व्यक्ति विशिष्ट की पहचान है, अपितु यह कई मायनों में मददगार भी साबित हुआ है। या यूं कहे कि कभी-कभी, समय पर मिली सहायता किसी का जीवन हमेशा के लिए बदल सकती है। ऐसा ही एक वाक्या हिमाचल में पहुंचे बिहार के 10 वर्षीय किशोर के साथ हुआ है, जिसके बिहार स्थित परिवार को मिलाने में आधार ने अहम भूमिका निभाई है और उसे सही सलामत ढंग से बिहार में अपने परिवार तक पहुंचाया गया है।
जानकारी के अनुसार 10 वर्षीय किशोर अमन कुमार, जो हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा ऊना जिला में पाया गया एक बेसहारा बच्चा था और जिसे हमीरपुर स्थित एक बाल देखभाल संस्थान की देखरेख में रखा गया था, उसके लिए समन्वित प्रयासों और यूआईडीएआई यानि आधार के सहयोग से बिहार में अपने परिवार से सफलतापूर्वक मिल पाया।
वह जब अपने परिवार के पास पहुंचा तो न केवल बालक, अपितु उसके परिजन भी खुश नजर आए। यह हृदयस्पर्शी मिलन दर्शाता है कि यूआईडीएआई का तंत्र पहचान से परे जाकर आशा, सम्मान और परिवारों को पुनस्र्थापित करने में मदद करता है।