Edited By Kuldeep, Updated: 08 Dec, 2025 09:27 PM

2 लाख करोड़ रुपए की धनराशि विभिन्न बैंकों व अन्य संस्थानों में पड़ी होने को लेकर शांता कुमार ने उक्त धनराशि का उपयोग विपदा ग्रस्त लोगों की सहायता के लिए करने की बात को दोहराया है।
पालमपुर (भृगु): 2 लाख करोड़ रुपए की धनराशि विभिन्न बैंकों व अन्य संस्थानों में पड़ी होने को लेकर शांता कुमार ने उक्त धनराशि का उपयोग विपदा ग्रस्त लोगों की सहायता के लिए करने की बात को दोहराया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि सरकार ने मेरी उस बात को स्वीकार कर लिया है कि भारत सरकार के पास कई हजार करोड़ रुपए लावारिस धन पड़ा है, जिस पर कई वर्षों से किसी ने अपना हक नहीं जताया। देश की वित्त मंत्री ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है और प्रधानमंत्री ने भी इस बात का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का धन बैंकों में ही नहीं बल्कि कुछ और संस्थाओं में तथा भारतीय जीवन बीमा निगम में भी पड़ा हुआ है। सभी संस्थाओं का कुल 2 लाख करोड़ रुपए लावारिस धन सरकार के पास पड़ा है।
यह धन उन लोगों का है, जिन्होंने धन जमा करवाया फिर वे मर गए और उस धन पर कई वर्षों से किसी ने कोई अधिकार नहीं जताया। उस धन को लेने के लिए कानूनी वारिस नहीं बचा। शांता कुमार ने कहा यह 2 लाख करोड़ रुपए देश का धन है, इसका उचित उपयोग बहुत जरूरी है। बकौल शांता कुमार मैं सरकार से आग्रह करूंगा कि इस 2 लाख करोड़ रुपए में से सरकार 50,000 करोड़ रुपए रख ले। अगर कभी कोई कानूनी वारिस सामने आए तो उसे धन दें परन्तु 1 करोड़ 50 लाख करोड़ रुपए के धन को कानून बना कर विपदा ग्रस्त लोगों की सहायता के लिए दें। उन्होंने कहा कि हिमाचल में भयंकर बरसात से उजड़े हुए लोगों को फिर से बसाने के लिए सरकार के पास पूरे साधन नही हैं। पूरे देश में ऐसे आपदाग्रस्त गरीबों की मदद के लिए इस धन का उपयोग किया जाना चाहिए।