Edited By Ekta, Updated: 30 Oct, 2018 09:22 AM

आईजीएमसी में गोलीकांड मामले में पुलिस की कार्रवाई तेज होती जा रही है। सोमवार को पुलिस ने आरोपी द्वारा छुपाया गया कट्टा बरामद कर लिया है। आरोपी ने कट्टा आई.जी.एम.सी. से लक्कड़ बाजार की तरफ कुछ दूरी पर झाड़ियों के बीच छिपाया था और खुद मौके से फरार हो...
शिमला (जस्टा): आईजीएमसी में गोलीकांड मामले में पुलिस की कार्रवाई तेज होती जा रही है। सोमवार को पुलिस ने आरोपी द्वारा छुपाया गया कट्टा बरामद कर लिया है। आरोपी ने कट्टा आई.जी.एम.सी. से लक्कड़ बाजार की तरफ कुछ दूरी पर झाड़ियों के बीच छिपाया था और खुद मौके से फरार हो गया था। पुलिस ने जब आरोपी से पूछताछ की तो उसने खुद यह कबूल किया कि उसने कट्टा को सुपरवाइजर को डराने के लिए लाया था बाद में उसने भी डर के चलते झाड़ियों के बीच छिपा दिया था। कट्टा से गोली चली या नहीं। फिलहाल इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है। पुलिस कट्टा को जांच के लिए फोरैंसिक लैब भेज सकती है। उसके बाद ही पुलिस को गोली चलने के पुख्ता सबूत हाथ लग पाएंगे।
पुलिस का कहना है कि मौके पर उन्हें गोली चलने के कोई सबूत हाथ नहीं लगे हैं। पुलिस की टीम ने मौके पर हर एक पहलू को खंगाला है। बताया जा रहा है कि घटना की सूचना मिलने के बाद आई.जी.एम.सी. में फोरैंसिक से एक टीम मौके पर पहुंची थी। उन्होंने गोलीकांड का पूरा जायजा लिया है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी सफाई कर्मचारी विश्वास को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेशानुसार 1 नवम्बर तक उसे रिमांड पर भेज दिया है। रिमांड के दौरान आरोपी गोली चलाने का खुलासा भी कर सकता है। आरोपी ने पुलिस के समक्ष अभी तक यह कबूल किया है कि उसने कट्टा सुपरवाइजर को डराने के लिए लाया था और इससे कोई गोली नहीं चलाई गई है। उल्लेखनीय है कि आई.जी.एम.सी. में सुपरवाइजर के पद पर तैनात गौरव ने सफाई कर्मचारी विश्वास पर गोली चलाने का आरोप लगाया है।
सुपरवाइजर का कहना है कि गोली उसके पांव के पास से गुजरी, लेकिन उसको कोई नुक्सान नहीं हुआ। वह इस दौरान बाल-बाल बचा। वह डर के चलते दरवाजे के पीछे छुप गया था। गोली चलाने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था। आरोपी को पुलिस ने शिमला के रामनगर में बाईपास रोड से गिरफ्तार किया था। यह आरोपी दो साल पहले आई.जी.एम.सी. में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्य करता था लेकिन ड्यूटी में कोताही बरतने पर उसको नौकरी से निलंबित कर दिया था। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी विश्वास नौकरी करने के लिए दो-तीन बार सुपरवाइजर के पास आया था लेकिन सुपरवाइजर के पास सफाई कर्मचारी का पद खाली नहीं था। फिर से यह कर्मचारी नौकरी करने के चक्कर में था। बताया जा रहा है कि दोनों की पुरानी रंजिश के चलते इनकी आपस में काफी समय पहले से लड़ाई चली हुई थी।
कट्टा में नहीं मिली गोली
कट्टा में कोई गोली लगी हुई नहीं थी। पुलिस का कहना है कि यह पूरी तरह से खाली था। पुलिस ने अपने स्तर पर चैक कर लिया है। बाकी गोली चलने का खुलासा तो अब वैज्ञानिक ही लगा पाएंगे। फिलहाल पुलिस की आरोपी से पूछताछ जारी है। पूछताछ से गोली चलने के कई राज खुल सकते हैं।