Edited By Kuldeep, Updated: 12 Aug, 2025 09:22 PM

हिमाचल में मानसून लगातार बरस रहा है और आपदाएं कम नहीं हो रही हैं। ओरैंज अलर्ट के बीच बीती रात राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा हुई, जिससे भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं।
शिमला (राजेश): हिमाचल में मानसून लगातार बरस रहा है और आपदाएं कम नहीं हो रही हैं। ओरैंज अलर्ट के बीच बीती रात राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा हुई, जिससे भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं। भारी बारिश के चलते 3 नैशनल हाईवे और 395 सड़कें पूरी तरह से बंद रहीं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 14 अगस्त तक भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए ऑरैंज अलर्ट जारी किया है, जबकि 15 से 18 अगस्त तक यैलो अलर्ट रहेगा। यानी बुधवार को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट और ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चम्बा व कुल्लू जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी है।
इन जिलों में लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार बीती रात सबसे अधिक 180 मिमीमीटर बारिश कांगड़ा जिले के नगरोटा सूरियां में दर्ज की गई, जबकि गुलेर में 161, घमरूर में 111, नादौन में 78, देहरा गोपीपुर में 76, जोगिंद्रनगर में 74, कांगड़ा में 73, भरेड़ी में 70, पालमपुर में 69, सुजानपुर टीहरा में 66, शिलारू में 54 और शिमला में 45 मिलीमीटर वर्षा हुई। बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और बांधों का जलस्तर बढ़ गया है।
अब तक प्रदेश में 229 लोगों की मौत
मानसून सीजन में अब तक 229 लोगों की मौत हो चुकी है, 36 लापता हैं और 323 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी के 44, कांगड़ा के 35, चम्बा के 26, शिमला के 21, कुल्लू के 18, किन्नौर व हमीरपुर के 16-16, सोलन के 15, ऊना के 13, बिलासपुर के 10, सिरमौर के 9 और लाहौल-स्पीति के 6 लोग शामिल हैं। अब तक 2,077 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 499 पूरी तरह ढह गए, 311 दुकानें और 1,955 पशुशालाएं नष्ट हुई हैं।
अब तक 2007 करोड़ रुपए का नुक्सान
प्रदेश में मानसून से अब तक 2007 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1071 करोड़ रुपए और जलशक्ति विभाग को 682 करोड़ रुपए का नुक्सान पहुंचा है। मौसम विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सलाह दी है कि यात्रा से पहले मौसम की ताजा जानकारी लें और भूस्खलन व अचानक जलस्तर बढ़ने वाले इलाकों से दूरी बनाए रखें।