Edited By Kuldeep, Updated: 03 Aug, 2025 07:52 PM

राज्य में आगामी 2 दिन मानसून कई जिलों में फिर कहर बरपा सकता है। मौसम विभाग ने सोमवार को ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर, जबकि मंगलवार को ऊना, बिलासपुर व कांगड़ा में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट जारी किया है।
शिमला (संतोष): राज्य में आगामी 2 दिन मानसून कई जिलों में फिर कहर बरपा सकता है। मौसम विभाग ने सोमवार को ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर, जबकि मंगलवार को ऊना, बिलासपुर व कांगड़ा में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट जारी किया है। इन दिनों ऊना सहित कई जिलों में खूब वर्षा हो रही है, जिससे काफी नुक्सान हो रहा है। हालांकि 6 अगस्त को यैलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 7 अगस्त से किसी भी प्रकार का कोई अलर्ट नहीं रहेगा। रविवार को ऊना में बारिश नहीं हुई, मगर शिमला में 3, कल्पा में 0.8, धर्मशाला में 12, नाहन में 2.4, मंडी में 5, चम्बा में 2, कुफरी में 12, नारकंडा में 11.5, भरमौर, ओबाग व धौलाकुआं में 0.5-0.5, बरठीं में 8.5, नेरी में 3.5 और बजौरा में 2 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि शनिवार रात्रि को हमीरपुर जिले के भराड़ी में सर्वाधिक 11, मुरारी देवी में 8, नयनादेवी में 7, आर.एल. बीबीएमबी में 4, ऊना में 4 और नालागढ़ में 3 सैंटीमीटर वर्षा हुई है, वहीं सुंदरनगर में बूंदाबांदी हुई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार भारी बारिश और भूस्खलन से रविवार शाम तक प्रदेश में लाहौल-स्पीति में एक नैशनल हाईवे एन.एच.-505 ग्रांफू-बातल छतरू के पास अवरुद्ध है, वहीं 296 संपर्क मार्ग भी बंद हैं। मंडी में 164, कुल्लू में 67, कांगड़ा में 25 और चम्बा में 21 संपर्क मार्ग बंद हैं। बारिश से बिजली और पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। प्रदेश में 134 बिजली ट्रांसफार्मर और 266 पेयजल योजनाएं ठप्प हो गई हैं। अकेले कुल्लू में 74, चम्बा में 37 और मंडी में 18 ट्रांसफार्मर बंद हैं। पेयजल योजनाओं में भी बड़ी समस्या आई है। चम्बा में 121, कांगड़ा में 60 और मंडी में 74 योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
अब तक मानसून से भारी तबाही हुई है। 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में 184 लोगों की मौत हो चुकी है, 292 लोग घायल और 36 लोग अभी भी लापता हैं। सबसे ज्यादा मौतें मंडी में 37, कांगड़ा में 30, कुल्लू में 18, चम्बा में 17, शिमला में 17, सोलन में 12, हमीरपुर, किन्नौर व ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 5 हुई हैं। राज्य में अब तक 28 बादल फटने, 53 फ्लैश फ्लड और 47 भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 16 बादल फटने, 12 भूस्खलन और 11 फ्लैश फ्लड की घटनाएं हुई हैं।
प्रदेश को अब तक 1714 करोड़ रुपए का नुक्सान हो चुका है। सबसे ज्यादा नुक्सान लोक निर्माण विभाग को 888 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 580 करोड़ रुपए का हुआ है। करीब 1649 घरों को नुक्सान हुआ है, जिनमें 457 घर पूरी तरह ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 1089 घरों को नुक्सान और 391 घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। इसके अलावा 296 अन्य घर और 1483 पशुशालाएं भी प्रभावित हुई हैं। इस मानसून में 1536 पशुओं और 21,520 पोल्ट्री पक्षियों की मौत भी हुई है।