Weather Update: 4 दिन बारिश का रहेगा यैलो अलर्ट, 2 नैशनल हाईवे व 283 संपर्क मार्ग बंद

Edited By Kuldeep, Updated: 01 Aug, 2025 09:03 PM

shimla weather bad

राज्य में शुक्रवार को ऑरैंज अलर्ट के बीच में राजधानी शिमला सहित कई जगहों पर बारिश हुई, जिसके साथ ही कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं, वहीं लाहौल-स्पीति के मरशेन नाले में बाढ़ आ गई।

शिमला (संतोष): राज्य में शुक्रवार को ऑरैंज अलर्ट के बीच में राजधानी शिमला सहित कई जगहों पर बारिश हुई, जिसके साथ ही कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं, वहीं लाहौल-स्पीति के मरशेन नाले में बाढ़ आ गई। लैंडस्लाइड की वजह से मनाली-लेह हाईवे बंद हो गया, जिसे शाम को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया। सोलांगनाला से अटल टनल की ओर जाने वाले मार्ग पर धुंधी के पास लैंडस्लाइड होने से सड़क फिर से बाधित हो गई है। रानीनाला में सड़क धंसने की स्थिति को देखते हुए रोहतांग रोड शनिवार सुबह तक के लिए बंद कर दिया गया है। कुल्लू की सैंज घाटी की गाड़ा पारली पंचायत में पुल और रास्ते टूट गए। इसकी वजह से 4 गांवों का संपर्क आपस में कट गया है। सुबह पंडोह के पास भूस्खलन से मंडी-मनाली नैशनल हाईवे बंद हो गया था।

वहीं लाहौल-स्पीति के जिस्पा में मरशेन नाले में फ्लैश फ्लड आया। यहां खेतों में पानी और मलबा घुस गया और रोड बंद हो गया। पूहरा नाला में भी फ्लैश फ्लड आया, जिससे चंबा के पांगी को जाने वाला उदयपुर-किलाड़ रोड बंद हो गया है। साथ ही एक कार भी बह गई। इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल है, हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुक्सान की सूचना नहीं है। सीमा सड़क संगठन (बी.आर.ओ.) सड़क बहाली के कार्य में जुट गया है।

हालांकि शाम तक राज्य के 2 जिलों में 2 नैशनल हाईवे और 283 संपर्क मार्ग अवरुद्ध रहे। इनमें लाहौल-स्पीति जिले में एन.एच. 303 जिस्पा से सरचू के बीच में जिस्पा के पास अवरुद्ध है, जबकि मंडी जिले में एन.एच. 21 पंडोह में बनाला के पास अवरुद्ध चला हुआ है। इसे खोलने के प्रयास जारी हैं। सबसे अधिक संपर्क मार्ग जिला मंडी में 174 बंद हैं, जबकि कुल्लू जिला में 67, चंबा में 21 व कांगड़ा में 15 मार्ग शामिल हैं। राज्य में 314 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं बाधित चल रही हैं। मौजूदा मानसून सीजन में 20 जून से अब तक प्रदेश में विभिन्न हादसों से 176 लोगों की मौत हो चुकी है, 281 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग अभी भी लापता हैं।

अकेले मंडी में सबसे ज्यादा 35 मौतें हुई हैं, कांगड़ा में 28, कुल्लू में 18, चंबा में 17, शिमला में 15, सोलन में 12, हमीरपुर, किन्नौर और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है। अब तक बादल फटने की 28, फ्लैश फ्लड की 47 और भूस्खलन की 42 घटनाएं हो चुकी हैं। प्रदेश को मानसून से अब तक 1678 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुक्सान हो चुका है, जिसमें सबसे ज्यादा क्षति लोक निर्माण विभाग को 865 करोड़ रुपए और जल शक्ति विभाग को 567 करोड़ रुपए चपत लग चुकी है।

मौसम विभाग के अनुसार आगामी 4 दिनों तक कई जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर, रविवार को चंबा, कांगड़ा और सिरमौर में भारी बारिश का यैलो अलर्ट रहेगा। 4 अगस्त को मानसून की गति और बढ़ने की संभावनाएं हैं। इस दिन लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष 10 जिलों में यैलो अलर्ट रहेगा। 5 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए भी यैलो अलर्ट जारी किया गया है। 6 और 7 अगस्त को भी बारिश के आसार हैं, लेकिन इन दिनों कोई विशेष चेतावनी नहीं दी गई है।

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