Edited By Vijay, Updated: 10 Jul, 2025 08:37 PM

मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों चम्बा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला व सिरमौर में फ्लैश फ्लड का यैलो अलर्ट जारी किया गया है।
शिमला (संतोष): मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों चम्बा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला व सिरमौर में फ्लैश फ्लड का यैलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है, जबकि 16 जुलाई तक प्रदेश में बारिश का यैलो अलर्ट रहेगा। वीरवार को राजधानी शिमला, मनाली व कल्पा में 1-1, धर्मशाला में 3.3, कांगड़ा में 10 और चम्बा में 2 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि बुधवार रात्रि को धौलाकुआं में सबसे अधिक 17, बिलासपुर में 12, कसोल में 6, जुब्बल में 5, मनाली में 5, शिमला में 4, नगरोटा सूरियां में 4, पांवटा में 4, सुजानपुर टीहरा में 4 और जाटों बैराज में 3 सैंटीमीटर वर्षा हुई है। सिरमौर के गिरी जाटों डैम से बीती रात के बाद गुरुवार सुबह भी पानी छोड़ा गया। इससे जिले के नदी-नालों का जलस्तर और बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने मैदानी इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है। देर रात जिले के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
नदी-नालों का जलस्तर बढ़ा, 91 मौतें, 131 घायल, 34 अभी भी लापता
राज्य में मानसून का सितम जारी है और नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। 20 जून से लेकर मात्र 20 दिनों में 91 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 131 घायल और 34 लोग अभी भी लापता हैं। मौत का आंकड़ा सबसे अधिक जिला मंडी में रहा है और यहां 20 लोगों की मौत और सबसे अधिक 27 अभी भी लापता हैं। 91 लोगों की मौत के आंकड़े में 36 लोग सड़क हादसों का भी शिकार बने हैं।
एक नैशनल हाईवे और 207 संपर्क मार्ग बंद
वीरवार शाम तक मंडी जिला में एक नैशनल हाईवे के अलावा 207 संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। सबसे अधिक मार्ग जिला मंडी में बंद हैं। यहां 134 संपर्क मार्ग, जबकि सिरमौर में 43 मार्ग अवरुद्ध हैं। राज्य में ठप्प पड़े 132 बिजली ट्रांसफार्मरों में से सबसे अधिक जिला मंडी में 111 और कुल्लू में 20 बंद पड़े हैं। बंद पड़ी 812 पेयजल योजनाओं में कांगड़ा में 603 और मंडी में 204 सर्वाधिक हैं। सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में देखने को मिल रहा है, जहां 30 जून की रात बादल फटने के बाद से हालात सामान्य नहीं हो सके हैं।
बारिश से 750 करोड़ रुपए की चपत
राज्य में अब तक बारिश के चलते 750 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है, जिसमें सबसे अधिक मंडी जिला में नुक्सान हुआ है। बारिश और भूस्खलन से 432 घर पूरी तरह से ध्वस्त और 928 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 224 दुकानें और 880 पशुशालाएं भी पूरी तरह तबाह हो गई हैं। जल शक्ति विभाग को 404 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 327 करोड़ से अधिक का नुक्सान आंका गया है।
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