Edited By Kuldeep, Updated: 22 Dec, 2025 09:54 PM

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि मनरेगा के नाम पर राज्य सरकार सियासी नौटंकी कर रही है।
शिमला (कुलदीप): पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि मनरेगा के नाम पर राज्य सरकार सियासी नौटंकी कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस आलाकमान को खुश करने के हथकंडे से अधिक कुछ नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनरेगा के नाम में भगवान राम का नाम आने से सरकार को चिढ़ है। साथ ही सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भी ऐसा ड्रामा रच रही है। जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार की गरीब, ग्रामीण और श्रमिक वर्ग के हित में विकसित भारत जी-राम-जी योजना स्थायी आजीविका, कौशल विकास और आत्मनिर्भर गांवों के निर्माण की दिशा में ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राधे-राधे के विरोध को भी पूरी दुनिया ने देखा है और अब राम नाम से भी एलर्जी है।
उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2006 में योजना शुरू हुई तो इसका कुल बजट मात्र 11,300 करोड़ रुपए था, जिसे 10 वर्ष में कांग्रेस 33,000 करोड़ रुपए तक पहुंचा पाई। उसके बाद केंद्र की भाजपा सरकार ने अपने पहले बजट वर्ष 2015-16 में ही मनरेगा का बजट 41,000 करोड़ रुपए किया। कोविड महामारी के समय वर्ष 2020-21 में मनरेगा का बजट बढ़ाकर 1.10 लाख करोड़ रुपए किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए ही देश के किसानों को 3,90,000 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से दे चुकी है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत जी-राम-जी योजना महात्मा गांधी के रामराज और ग्रामोदय के सपने को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
सत्तारूढ़ दल का भूख हड़ताल पर बैठना सियासी ड्रामा : बिंदल
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने सत्तारूढ़ दल की तरफ से भूख हड़ताल पर बैठने की बात को सियासी ड्रामा करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, उनके मंत्री और कांग्रेस पार्टी अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ऐसा ड्रामा कर रही है। डा. बिंदल ने शिमला से जारी बयान में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि श्रीराम का नाम कांग्रेस को इतना बुरा लग गया है कि करोड़ों ग्रामीणों के कल्याण से जुड़ी जी-राम-जी योजना को पूरी तरह नकारने की दिशा में सरकार आगे बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में कांग्रेस सरकार प्रतिपक्ष के नेताओं और कार्यकर्त्ताओं पर झूठे मुकद्दमे थोपकर पुलिस तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़े वार्ड सदस्य, पंचायत प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला परिषद सदस्य, विधायक और वरिष्ठ नेता सभी को योजनाबद्ध तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार से पूरी तरह परेशान है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को प्रदेश की जनता शीघ्र सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी।
सिकंदर ने कांग्रेस की भूख हड़ताल व धरने को बताया ड्रामेबाजी
सांसद डा. सिकंदर कुमार ने भी जी-राम-जी बिल को लेकर कांग्रेस की भूख हड़ताल व धरने को राजनीतिक ड्रामा बताया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के इतिहास में यह इस तरह की पहली घटना है, जब सत्ताधारी दल भूख हड़ताल और धरने पर बैठकर अपनी जग हंसाई करवा रहा है। उन्होंने शिमला से जारी बयान में आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने कभी भी जनहित की योजनाओं और कार्यों में सहयोग नहीं किया है। इसी कारण आज कांग्रेस पार्टी पतन की ओर जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां मनरेगा में 100 दिनों का रोजगार ग्रामीण परिवारों को मिलता था, वहीं नए कानून के तहत इसको बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है।
भाजयुमो को भी कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर आपत्ति
भाजयुमो प्रदेश मुख्य प्रवक्ता पारुल शर्मा ने मनरेगा के नाम पर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के साथ गांधी नाम उधार का है। उन्होंने कहा कि इंदिरा के पिता नेहरू थे तथा उनके पति फिरोज जहांगीर घांडी थे। इसी तरह प्रियंका का नाम वाड्रा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की सोच भी उनके उधार में लिए गए नाम की तरह है। इसी कारण आज कांग्रेस को मनरेगा के साथ भगवान राम का नाम जुड़ने से आपत्ति है।