Shimla: 3 साल के कार्यकाल में सरकार के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं : जयराम

Edited By Kuldeep, Updated: 16 Dec, 2025 10:02 PM

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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक और नैतिक पतन की कोई सीमा नहीं है।

शिमला (ब्यूरो): नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक और नैतिक पतन की कोई सीमा नहीं है। अब सरकारी विभाग, जिनका काम सरकार की उपलब्धियों का प्रचार-प्रचार करना है, वे राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ घटिया पोस्टर बनाकर ट्रोल आर्मी की तरह व्यवहार कर रहे हैं। शिमला से जारी बयान में उन्होंने कहा कि 3 साल के कार्यकाल में सरकार के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है और मुख्यमंत्री के तरकश के झूठ के सारे बाण खत्म हो गए हैं तो अब मुख्यमंत्री और उनकी मित्र मंडली ने सरकारी विभाग को ही पॉलीटिकल पार्टियों के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगा दिया है।

व्यवस्था पतन का यह सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। चिंता इस बात की है कि मित्र मंडली ने इस गिरावट की निचली सीमा निर्धारित ही नहीं की है। आने वाले समय में यह प्रदेश की पहचान, प्रदेश की छवि पर भी बहुत भारी पड़ने वाला है। यह गिरावट तभी शुरू हो गई थी, जब सरकारी विभाग पॉलीटिकल पार्टी के खिलाफ मीडिया में बयान जारी करने लगे थे। मुख्यमंत्री से तब भी हमने इसे रोकने की बात कही थी, क्योंकि जिस राह पर सरकार चल रही है, उसकी गिरावट की कोई सीमा नहीं है। इस तरीके का राजनीतिक दुष्प्रचार करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई सुनिश्चित करे।

ठाकुर ने कहा कि सरकार नशे के खिलाफ किस प्रकार से गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नशे के खिलाफ कार्रवाई करने वाले पुलिस कर्मियों का तबादला भी इसी सरकार ने अपने पार्टी के नेताओं के कहने पर किया है। नशे के खिलाफ लड़ाई में सरकार की गंभीरता सिर्फ इवैंटबाजी और हैडलाइन मैनेजमैंट तक ही सीमित है। पूर्व सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को सरकार और उसका प्रचार तंत्र अपना बताकर अपनी नाकामी से नहीं बच सकते हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नशे के ओवरडोज की वजह से आए दिन प्रदेश में मौतें हो रही हैं। आज भी एक युवक की नशे की ओवरडोज का मामला अखबारों की सुर्खियां बना है। नशा निवारण केंद्रों की हालत सबके सामने है। प्रदेश के किसी भी मैडीकल कॉलेज में नशे से पुनर्वास हेतु डैडिकेटेड वार्ड तक नहीं है। जो लोग निजी पुनर्वास केंद्रों के भरोसे हैं, उन्हें इलाज के बदले यातना मिल रही है और गाढ़ी कमाई अलग से खर्च हो रही है। सरकार की नाकामी का परिणाम है कि मां को अपने बच्चों के लिए नशा खरीदना पड़ रहा है, क्योंकि सरकार के पास नशे से मुक्ति दिलाने का कोई इंतजाम ही नहीं है।

प्रदेश सरकार नहीं निकल पा रही राजनीति से बाहर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार में ड्रग फ्री हिमाचल एप बनाई थी, जिसमें ड्रग्स के खिलाफ बिना पहचान जाहिर किए ही सूचनाएं दे सकते थे। हमारी सरकार में कानून में बदलाव करके केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजा था, जिसके तहत नशे की कम से कम मात्रा में भी जमानत का प्रावधान खत्म हुआ। नशे के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया, जिसका नाम बदलकर सुक्खू सरकार ने एस.टी.एफ. रखा है। हमने नशे के खिलाफ लड़ाई में सरकार का हर हाल में साथ देने का वायदा किया था, लेकिन सरकार है कि राजनीति से बाहर ही नहीं निकल पा रही।

 

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