Edited By Kuldeep, Updated: 06 Jan, 2025 09:35 PM
जिला शिमला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत टैंकरों से पेयजल आपूर्ति के नाम पर हुए घोटाले की विजीलैंस ने जांच तेज कर दी है।
शिमला (राक्टा): जिला शिमला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत टैंकरों से पेयजल आपूर्ति के नाम पर हुए घोटाले की विजीलैंस ने जांच तेज कर दी है। इसी कड़ी में सोमवार को विजीलैंस मुख्यालय शिमला में जल शक्ति विभाग के निलंबित चल रहे 7 अधिकारियों व एक ठेकेदार से पूछताछ की गई जबकि अन्य से मंगलवार को पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही जांच टीम ने विजीलैंस विभाग से भी रिकार्ड कब्जे में लिया है। साथ ही मामले की तह खंगालने के लिए सोमवार को विजीलैंस की टीम पानी के उस सोर्स तक भी पहुंची जहां से ठेकेदार ने पानी ले जाने की बात कही है। विजीलैंस हर पहलू की गंभीरता से पड़ताल कर रही है। इस मामले में किन-किन की संलिप्तता रही है, उससे संबंधित पूरे साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। एस.डी.एम. कार्यालय ठियोग से पहले ही रिकार्ड कब्जे में लिया जा चुका है।
विजीलैंस अभी मामले में प्रारंभिक जांच अमल में ला रही है। ऐसे में यदि भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिलते हैं तो नियमित केस दर्ज किया जाएगा। हालांकि जांच चली होने के चलते अभी अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। गौर हो कि मामला सामने आने के बाद जल शक्ति विभाग के 10 अफसरों को निलंबित कर दिया था। इनमें 2 अधिशासी, 3 सहायक, 4 कनिष्ठ और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल है। इनमें से 1 की मृत्यु हो चुकी है। सरकार ने मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए जांच विजीलैंस को सौंपी है। इसके तहत एएसपी विजीलैंस नरवीर सिंह राठौर मामले की जांच अमल में ला रहे हैं। हाल ही में उनका तबादला टीटीआर से विजीलैंस में हुआ था।
यह है मामला
उपमंडल में पिछले वर्ष फरवरी से जून माह के दौरान सूखे के चलते पानी की आपूर्ति टैंकरों से करने का काम ठेके पर दिया गया। आरोप है कि कई जगह पानी की आपूर्ति ही नहीं हुई और भुगतान कर दिया। आरोप यह भी है कि पेयजल आपूर्ति करने वाले टैंकरों (वाहनों) के जो नंबर दिए गए, उनमें मोटरसाइकिल एवं कारों के नंबर शामिल हैं।