Edited By Kuldeep, Updated: 13 Sep, 2025 07:05 PM
यैलो अलर्ट के बीच में बिलासपुर में बादल फटने की घटना सामने आई है, जबकि शनिवार को राजधानी शिमला में हल्की बारिश के अलावा कुछ हिस्सों में वर्षा हुई है।
शिमला (संतोष): यैलो अलर्ट के बीच में बिलासपुर में बादल फटने की घटना सामने आई है, जबकि शनिवार को राजधानी शिमला में हल्की बारिश के अलावा कुछ हिस्सों में वर्षा हुई है। बिलासपुर जिला के नम्होल उपतहसील के तहत गुतराहन में शनिवार सुबह बादल फटने से 2 वाहन मलबे में दब गए, जबकि 5 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। खेतों को भी नुक्सान पहुंचा है, वहीं नम्होल-डाबर मार्ग अवरुद्ध हो गया। उधर, भरमौर-पठानकोट हाईवे पर कई जगह भूस्खलन होने से मार्ग बंद हो गया और वाहनों की कतारें लग गईं। ठियोग उपमंडल के तहत छैला-पराला-सैंज मार्ग पर भूस्खलन होने से कई घंटों के बाद मार्ग बहाल हो सका, जिससे वाहन यहां फंस गए। चम्बा जिला के भटियात क्षेत्र की चिलामा पंचायत के कमलाड़ी और घटासनी गांवों में भारी बारिश के बाद मलबा और पानी लोगों के घरों में घुस गया। घटासनी पंचायत में लगभग 6 मकानों को नुक्सान पहुंचा है।
भूस्खलन से गऊशालाएं और पशुधन भी प्रभावित हुए हैं। शनिवार को सात जिलों में यैलो अलर्ट के बीच में शिमला में 0.4, सुंदरनगर में 0.2, धर्मशाला में 16.4, नाहन में 14.6, कांगड़ा में 0.1, जुब्बड़हट्टी में 2, कुफरी में 1, बजौरा में 1.5 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि मनाली व भुंतर में बूंदाबांदी हुई। इससे पूर्व शुक्रवार की रात्रि को पालमपुर में 86, धर्मशाला में 14.8, कांगड़ा में 58.2, मंडी में 13.6, बरठी में 7.6 व कसौली में 5.2 मिलीमीटर के अलावा कुछ अन्य हिस्सों में वर्षा हुई है। राजधानी शिमला में शनिवार को घनी धुंध छाई रही और हल्की बारिश भी होती रही। मौसम विभाग ने आज सात जिलों हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर में भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया है। सोमवार से कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
3 एन.एच. और 558 संपर्क मार्ग बंद, अब सिर्फ 237 ट्रांसफार्मर हैं ठप्प
शनिवार शाम तक भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में 3 नैशनल हाईवे और 558 सड़कें बंद हो गईं। इनमें कुल्लू जिला में एन.एच.-03 और एन.एच.-305 सहित 170 सड़कें, मंडी में 159, शिमला में 58, कांगड़ा में 45, चम्बा में 38, सिरमौर में 21, बिलासपुर में 17 और ऊना में एन.एच.503ए समेत 22 सड़कें बाधित हैं। राज्य में अब मात्र 237 ट्रांसफार्मर और 317 पेयजल योजनाएं ठप्प चल रही हैं। काफी हिस्सों से ब्लैकआऊट हट गया है। कुल्लू जिला में सबसे ज्यादा 144 ट्रांसफार्मर, मंडी में 64 और चम्बा में 24 ट्रांसफार्मर बंद हुए हैं। पेयजल योजनाओं में कांगड़ा की 176, शिमला की 61 और मंडी की 53 योजनाएं प्रभावित चल रही हैं।
394 की मौत, 41 अभी भी लापता
इस सीजन में अब तक 140 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 46 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं और हिमाचल में अब तक भारी तबाही मचाई है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार अब तक 394 लोगों की जान जा चुकी है और 455 लोग घायल हुए हैं, जबकि 41 लोग लापता हैं। मंडी में 61, कांगड़ा में 55, चम्बा में 45, कुल्लू में 44, शिमला में 42, किन्नौर और सोलन में 29-29, ऊना में 25, सिरमौर में 20, बिलासपुर में 19, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 1,403 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं, जबकि 5,952 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
बारिश से 484 दुकानें और 5,929 गौशालाएं भी नष्ट हुई हैं। पशुधन को भारी नुकसान हुआ है जिसमें 2,086 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार राज्य को अब तक 4,467 करोड़ रुपए से अधिक की सार्वजनिक संपत्ति का नुक्सान हो चुका है। राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। खासकर नदी-नालों और ढलानों से दूर रहने की हिदायत दी गई है।