Shimla: बजट को लेकर प्रदेश सरकार ने 31 जनवरी तक मांगे जनता से सुझाव

Edited By Kuldeep, Updated: 18 Dec, 2024 06:48 PM

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शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश सरकार वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य बजट बनाने की तैयारियों में जुट गई है। सभी विभाग भी अपने-अपने स्तर पर बजट को तैयार कर रहे हैं। राज्य की आय बढ़ाने व बजट को आकर्षक बनाने के लिए सरकार आगामी बजट में किसानों, आम लोगों व कारोबारियों सहित अन्यों के बेहतरीन सुझावों को शामिल करेगी। इसके लिए सरकार ने बजट को लेकर सुझाव आमंत्रित किए हैं। सुझाव 31 जनवरी, 2025 तक दिए जा सकते हैं। राज्य में बजट सत्र अगले वर्ष फरवरी माह में शुरू होगा तथा यह सुक्खू सरकार का तीसरा बजट होगा।

बजट को और अधिक लोक केन्द्रित बनाने के उद्देश्य से बजट में समाज के विभिन्न हितधारकों की सहभागिता तथा विचारों का समावेश आवश्यक है। सरकार ने आम-जनमानस, उद्योगों, व्यापारिक तथा कृषक संगठनों से बजट के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं। सुझाव 31 जनवरी, 2025 तक ई-मेल के माध्यम से अथवा प्रधान सचिव (वित्त) के कार्यालय के कमरा नम्बर ।-319 आर्म्सडेल भवन, हिमाचल प्रदेश सचिवालय को पत्र के माध्यम से भेजे जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त वित्त विभाग के वैब पोर्टल पर भी सुझाव भेजे जा सकते हैं। बजट के लिए सुझाव राजस्व प्राप्ति में वृद्धि, व्यय नियंत्रण तथा अन्य सम्बद्ध मामलों पर दिए जा सकते हैं। इससे बजट में पारदर्शिता, प्रतिक्रियात्मक तथा सहभागी दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।

हर साल लोगों से सुझाव मांगती है सरकार
जनभागीदारी की भावना को बढ़ावा देने व बजट को लोक लुभावना बनाने के लिए सरकार बजट बनाने की प्रक्रिया को सहभागी और समावेशी बनाने के लिए हर साल नागरिकों से सुझाव आमंत्रित करती है। प्रदेशवासी अपने सुझावों को सांझा करके प्रदेश के विकास के साथ आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद कर सकते हैं। आम तौर पर लोग गवर्नैंस में सुधार, सरकारी क्षेत्र में व्यय नियंत्रण, सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों की संपत्ति जब्त करने, इलैक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने, व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने, न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने व ठेकेदारी प्रथा को बंद करने जैसे सुझाव देते हैं।

हर वर्ग के हितधारकों से बैठक कर भी ली जाएगी राय
राज्य सरकार बजट को अंतिम रूप देने से पहले हर वर्ग के हितधारकों के साथ बैठक कर भी राय लेगी। इसके तहत उद्योग जगत, किसानों-बागवान, कर्मचारी व अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनकी राय ली जा सकती है।

बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने को मिल सकती है प्राथमिकता
माना जा रहा है कि आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य सरकार को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिकता मिल सकती है। राज्य सरकार ने जहां गोबर खाद की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है, वहीं दूध के दामों में भी बढ़ौतरी की है। साथ ही प्राकृतिक उत्पादों को भी उचित मूल्य पर खरीद रही है। ऐसे में आगामी बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सरकार विशेष बजट का प्रावधान कर सकती है। राज्य में 90 फीसदी आबादी गांव में बसती है। इसके अलावा सरकार का दूसरा ध्यान सरकारी खर्चे को कम करने पर होगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण, स्वरोजगार आदि को भी प्राथमिकता दे सकती है। लोग इन सभी मुद्दों पर अपने सुझाव दे सकते हैं।

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