Shimla: हिमाचल के तीसरी कक्षा के बच्चे रीडिंग में केरल को पछाड़ कर समूचे देश में नंबरवन

Edited By Kuldeep, Updated: 29 Jan, 2025 09:10 PM

shimla small children reading number one

हिमाचल के तीसरी कक्षा के बच्चे रीडिंग में केरल सहित कर्ई राज्यों को पछाड़ कर समूचे देश में नंबरवन पर हैं। असर-2024 की सर्वे रिपोर्ट के में यह सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक तीसरी व पांचवीं कक्षा के बच्चे रीडिंग में भी बेहतर हैं और भाग के सवालों को...

शिमला (प्रीति): हिमाचल के तीसरी कक्षा के बच्चे रीडिंग में केरल सहित कर्ई राज्यों को पछाड़ कर समूचे देश में नंबरवन पर हैं। असर-2024 की सर्वे रिपोर्ट के में यह सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक तीसरी व पांचवीं कक्षा के बच्चे रीडिंग में भी बेहतर हैं और भाग के सवालों को हल करने में भी आगे हैं। कोविड के दौरान वर्ष 2022 में किए गए सर्वे में बच्चे पिछड़े थे, लेकिन अब इस सर्वे में बच्चों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। यह सर्वे प्रदेश के 12 जिलों के 359 गांव, 6503 हाऊसहोल्ड, 3 से 6 वर्ष व 5 से 16 वर्ष की आयु के बच्चों पर किया गया। इसी के साथ इस दौरान 268 सरकारी स्कूल और 17 पार्टनर ऑर्गेनाइजेशन का विजिट भी किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल की अन्य राज्यों के मुकाबले प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रमों या प्री स्कूल में नामांकन उच्च है, अर्थात 3 वर्ष की आयु में लगभग 90 प्रतिशत तथा 4 और 5 वर्ष की आयु में 96 प्रतिशत से अधिक है। 6-14 आयु वर्ग के लिए स्कूल में कुल नामांकन सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में 99.6 प्रतिशत है। हालांकि वर्ष 2024 में कक्षा 1 में नामांकित (5 वर्ष से कम आयु के) बच्चों की संख्या में कमी आई है। कक्षा 1 में केवल 13.7 प्रतिशत बच्चे हैं जबकि 2022 में यह आंकड़ा 39.6 प्रतिशत था।

शुरूआती कक्षाओं में बुनियादी पठन और अंकगणित में सुधार
रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में शुरूआती कक्षाओं में बुनियादी पठन और अंकगणित में बड़े सुधार देखे गए हैं। कक्षा तीसरी और कक्षा पांचवीं के लिए हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों का बुनियादी सीखने का स्तर देश में सबसे ज्यादा है। निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों में सीखने का स्तर अधिक है। कक्षा तीसरी (सरकारी और निजी दोनों) में, 2022 में 28.4 प्रतिशत बच्चे कक्षा दूसरी के स्तर की पाठ्य सामग्री पढ़ सकते हैं। वर्ष 2024 में यह प्रतिशतता 47.7 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

राज्य के सरकारी स्कूलों में नामांकित कक्षा तीसरी के बच्चों के पढ़ने के स्तर में सुधार हुआ है (2022 में 23.0 प्रतिशत से 2024 में 46.6 प्रतिशत तक) यानी 23.6 प्रतिशत अंकों का सुधार, जो सभी प्रमुख राज्यों में सबसे ज्यादा उछाल है। भारत भर के अन्य प्रमुख राज्यों की तुलना में हिमाचल प्रदेश में कक्षा तीसरी के बच्चों का अनुपात सबसे ज्यादा है जो कम से कम कक्षा दूसरी के स्तर का पाठ पढ़ सकते हैं। यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा है।

सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में कक्षा पांचवीं में पढ़ने और अंकगणित के स्तर में 2022 और 2024 के बीच 5 प्रतिशत अंकों के साथ सुधार हुआ है। हिमाचल प्रदेश में कक्षा पांचवीं में पढ़ने का स्तर सबसे अधिक है, यानी सरकारी स्कूलों में 65.8 प्रतिशत बच्चे अन्य सभी प्रमुख राज्यों की तुलना में बेहतर हैं।

कक्षा एक में प्रवेश के लिए 80 प्रतिशत स्कूलों ने तीन महीने का स्कूल रैडीनैस कार्यक्रम चलाया
वर्ष 2024-25 में कक्षा एक के बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए लगभग 80 प्रतिशत स्कूलों में तीन महीने का स्कूल रैडीनैस कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मध्याह्न भोजन, पेयजल, शौचालय, बिजली और पुस्तकालय जैसी बुनियादी स्कूल सुविधाओं में समय के साथ सुधार हो रहा है।

प्रदेश के 14 से 16 वर्ष की आयु के 90 प्रतिशत बच्चे बुनियादी डिजिटल कार्य करने में सक्षम
प्रदेश में 14-16 वर्ष के बच्चों के लिए डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम चलाया गया है। ऐसे में सर्वे रिपोर्ट में सामने आया है कि प्रदेश के 14 से 16 वर्ष की आयु के 90 प्रतिशत बच्चे बुनियादी डिजिटल कार्य करने में सक्षम हैं। 96.7 प्रतिशत बच्चों के घर पर स्मार्टफोन हैं। 94.3 प्रतिशत स्मार्टफोन का उपयोग कर सकते हैं।

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