Edited By Kuldeep, Updated: 15 Jul, 2025 07:30 PM

प्रदेश के स्कूलों को ब्रॉडबैंड इंटरनैट सुविधा से जोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य के 2809 ग्रामीण सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में अभी यह सुविधा दी जाएगी।
शिमला (प्रीति): प्रदेश के स्कूलों को ब्रॉडबैंड इंटरनैट सुविधा से जोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य के 2809 ग्रामीण सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में अभी यह सुविधा दी जाएगी। इनमें से लगभग एक हजार स्कूल पहले से ही इंटरनैट से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब उनकी मौजूदा कनैक्टीविटी को भी ब्रॉडबैंड इंटरनैट से अपग्रेड किया जाएगा। केंद्र सरकार का स्कूली शिक्षा मंत्रालय और संचार मंत्रालय इस योजना में सहयोग दे रहा है।
भारत ब्रॉडबैंड नैटवर्क लिमिटेड (भारत फाइबर) द्वारा ब्रॉडबैंड की स्थापना और कनैक्टीविटी की लागत वहन की जाएगी, जबकि मासिक उपयोग शुल्क केंद्र सरकार की ओर से कंपोजिट ग्रांट के माध्यम से प्रदान किया जाएगा, ताकि स्कूलों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े। जिन स्कूलों में फिलहाल इंटरनैट कनैक्टीविटी उपलब्ध नहीं है, वहां फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है और आगामी कुछ महीनों में वहां भी इंटरनैट सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।
प्रदेश के स्कूलों में ब्रॉडबैंड इंटरनैट सुविधा सुनिश्चित करने के लिए समग्र शिक्षा और भारत संचार निगम लिमिटेड के बीच हाल ही में (एमओयू) हुआ था। इस के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण सीनियर सैकेंडरी स्कूलों को फाइबर टू द होम तकनीक के माध्यम से इंटरनैट कनैक्टीविटी प्रदान की जाएगी। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि ब्रॉडबैंड कनैक्टीविटी से स्कूलों में आईसीटी, आईटी तथा स्मार्ट क्लास जैसे डिजिटल नवाचारों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सकेगा। साथ ही इससे सरकार द्वारा बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति के मॉनीटरिंग संबंधी निर्देशों को सुचारू रूप से लागू करने में भी मदद मिलेगी।
400 स्कूलों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार
हिमाचल में करीब 20 हजार किलोमीटर की ऑप्टिकल फाइबर लाइनें बिछाई जा रही हैं। इससे स्कूलों को निर्बाध हाईस्पीड इंटरनैट सुविधा मिल सकेगी। प्रदेश में पहले ही लगभग एक हजार स्कूलों में इंटरनैट कनेक्शन हैं और करीब 400 अन्य स्कूलों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। शेष स्कूलों में भी रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही ब्रॉडबैंड कनैक्टीविटी प्रदान की जाएगी।