Edited By Kuldeep, Updated: 14 Jul, 2025 06:33 PM

मंडी जिले में आई प्राकृतिक आपदा के बाद शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से नदी-नालों के समीप बने स्कूल-कॉलेजों की रिपोर्ट मांगी है साथ ही जिला उपनिदेशकों को ऐसे मामले जिला प्रशासन से उठाने को भी कहा है।
शिमला (प्रीति): मंडी जिले में आई प्राकृतिक आपदा के बाद शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से नदी-नालों के समीप बने स्कूल-कॉलेजों की रिपोर्ट मांगी है साथ ही जिला उपनिदेशकों को ऐसे मामले जिला प्रशासन से उठाने को भी कहा है। यदि इस दौरान स्कूल और कॉलेज के भवन अति संवेदनशील इलाके में हैं तो ऐसे में संबंधित एसडीएम को इस बारे अवगत करवाने को कहा गया है, ताकि ऐसे भवनों को असुरक्षित घोषित कर और स्कूलों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सके। विभाग ने जिला उपनिदेशकों को इस संबंध में जल्द रिपोर्ट भेजने को कहा है। साथ ही भारी बारिश से हो रहे नुक्सान की रिपोर्ट भी हर रोज भेजने के निर्देश दिए हैं। मंडी जिले से सबक लेते हुए विभाग ने यह निर्देश जारी किए हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश में ऐसे सैंकड़ों स्कूल हैं, जो इस बरसात में आंशिक रूप से डैमेज हुए हैं।
जिला शिमला में कई स्कूलों की दीवारें गिरी, एक स्कूल नाले के समीप
इस दौरान जिला शिमला के कई स्कूल के भवनों को नुक्सान हुआ है। साथ ही जिला के रामपुर में नरैण वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नाले के समीप बनाया गया है। ऐसे में इस स्कूल की मौजूदा स्थिति के बारे में संबंधित एसडीएम को अवगत करवा दिया गया है। भारी बारिश होने पर इस स्कूल को भी खतरा है। विभाग की मानें तो इस बारिश से कोहबाग और चनावग स्कूल की दीवारें गिरी हैं, जिससे स्कूल भवन को नुक्सान हुआ है। हालांकि इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेज दी गई है।
पिछले वर्ष बरसात से 722 स्कूलों को हुआ था नुक्सान
पिछले वर्ष बरसात से 722 स्कूलों को नुक्सान हुआ था। इसमें 578 प्राथमिक व मिडल स्कूल तथा 144 हाई व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शामिल थे। इस दौरान शिक्षा विभाग को करोड़ों का नुक्सान हुआ था। कई स्कूल बाढ़ में बह गए थे और कई स्कूल के भवन क्षतिग्रस्त हुए थे। सबसे ज्यादा नुक्सान मंडी, कुल्लू, शिमला, चंबा, किन्नौर व सिरमौर में हुआ था।