Edited By Kuldeep, Updated: 22 Nov, 2024 10:01 PM
बहुचर्चित संजौली मस्जिद विवाद में शुक्रवार को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई और इस दौरान वक्फ बोर्ड ने अदालत में शपथ पत्र पेश किया। वक्फ बोर्ड की ओर से दिए गए हल्फनामे में वक्फ बोर्ड ने अदालत को बताया कि वक्फ बोर्ड ने मोहम्मद लतीफ को...
शिमला (संतोष): बहुचर्चित संजौली मस्जिद विवाद में शुक्रवार को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई और इस दौरान वक्फ बोर्ड ने अदालत में शपथ पत्र पेश किया। वक्फ बोर्ड की ओर से दिए गए हल्फनामे में वक्फ बोर्ड ने अदालत को बताया कि वक्फ बोर्ड ने मोहम्मद लतीफ को अवैध निर्माण हटाने के संबंध में एनओसी दी थी। वक्फ बोर्ड की ओर से बताया गया है कि मोहम्मद लतीफ ही संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। वर्ष 2006 का वह डाक्यूमैंट कोर्ट में दिखाया गया, जिसमें मोहम्मद लतीफ को संजौली मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष बनाने की बात कही गई है।
वक्फ बोर्ड के पत्र पर शुक्रवार को अदालत में बहस हुई। अब यह मामला 30 नवम्बर को फिर सुना जाएगा। ऑल हिमाचल मुस्लिम वैल्फेयर एसोसिएशन ने एमसी कोर्ट के 5 अक्तूबर के आदेशों को कोर्ट में चुनौती दे रखी है। इसमें दलील दी गई कि मोहम्मद लतीफ नाम के जिस व्यक्ति ने मस्जिद तोड़ने की सहमति दी है, वह इसके लिए अधिकृत नहीं है। इस पर कोर्ट ने पिछली सुनवाई में वक्फ बोर्ड से मोहम्मद लतीफ को लेकर जवाब मांगा था।
वक्फ बोर्ड के सदस्य कुतुबदीन अहमद ने बताया कि वक्फ बोर्ड के कागजातों में साल 2006 से मोहम्मद लतीफ अभी तक संजौली मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष है। इसी के बीच वहां कोई दूसरी कमेटी बनी, जिसके द्वारा मस्जिद में निर्माण किया गया था, लेकिन वक्फ बोर्ड के पास मोहम्मद लतीफ का ही रिकार्ड मौजूद है।
बता दें कि ऑल हिमाचल मुस्लिम वैल्फेयर एसोसिएशन के बैनर तले मंडी के डिनक, बिलासपुर व पांवटा साहिब के मुस्लिम प्रतिनिधियों ने दायर याचिका में कहा कि मस्जिद कमेटी निर्माण को हटाने का आवेदन पत्र देने के लिए ऑथराइज्ड नहीं है, जिस पर अदालत ने वक्फ बोर्ड को शपथ पत्र देने के लिए कहा था। अदालत ने पूछा था कि निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड ने किस आधार पर संजौली मस्जिद कमेटी को परमिशन दी थी। शुक्रवार की सुनवाई में वक्फ बोर्ड द्वारा कोर्ट में शपथ पत्र पेश किया गया।