Shimla: भारी बारिश से शिमला के 12 क्षेत्रों में भूस्खलन, मां-बेटी घर में फंसीं

Edited By Kuldeep, Updated: 29 Jun, 2025 06:50 PM

shimla rain landslide

राजधानी शिमला में बीती रात हुई भारी बारिश के कारण नगर निगम शिमला के विभिन्न वार्डाें में जगह-जगह भूस्खलन हुआ है।

शिमला (अम्बादत): राजधानी शिमला में बीती रात हुई भारी बारिश के कारण नगर निगम शिमला के विभिन्न वार्डाें में जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। शिमला में भारी बारिश से रविवार को 12 जगहों पर भूस्खलन हुआ। जिससे कई भवनों को खतरा पैदा हो गया है। जबकि कई गाड़ियों को नुक्सान भी पहुंचा है। इस भूस्खलन के कारण सबसे ज्यादा नुक्सान संजौली वार्ड के बोथवेल में हुआ है। यहां पर भूस्खलन के कारण एक मकान में पूरा मलबा घूस गया, जिसके कारण घर के अंदर लोग फंस गए। इस दौरान एक मां और बेटी घर में अंदर ही फंस गई थीं, जिनके लिए नगर निगम ने सुबह करीब 8 बजे रैस्क्यू ऑप्रेशन चलाया। भूस्खलन का पता चलते ही स्थानीय पार्षद ममता चंदेल व स्थानीय लोग एकत्रित हुए। लोगों ने इसकी सूचना तुरंत प्रशासन के अधिकारियों को दी।

वहीं मौके पर नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान पहुंचे। उन्होंने इस भूस्खलन को जल्द से जल्द हटाने के निर्देश दिए और एम.सी. के कर्मचारियों ने मलबे से भरे मकान को खाली कर दिया। बता दें कि मकान में रहने वाले लोग मकान के एटिक में रहते थे और भूस्खलन के कारण मकान के ग्राऊंड फ्लोर का दरवाजा बंद हो गया। संजौली के बोथवेल में भूस्खलन का मुख्य कारण ऊपरी जगह पर भवन निर्माण का कार्य चल रहा था जिसके कारण यहां पर ज्यादा भूस्खलन हुआ है। इसके अलावा शिमला शहर के मैहली, विकासनगर, खलीनी, पंथाघाटी, भट्टाकुफर, चमियाना रोड, कृष्णा नगर, पट्योग, बीसीएस, रिल्दुभट्टा, भराड़ी सड़क, चक्कर क्रॉसिंग आदि जगह पर भूस्खलन हुआ है।
मैहली में भूस्खलन से सैप्टिक टैंक फटा

मैहली के समीप हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में सुबह के समय भूस्खलन होने से कई घरों को खतरा पैदा हो गया है। भूस्खलन के कारण हाऊसिंग कालोनी में बना सैप्टिक टैंक फट गया। जिस कारण गंद बारिश व मलबे के साथ आसपास के लोगों के घरों व रास्तों में चला गया। वहीं भूस्खलन के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर वहां तिरपाल लगा दी और आसपास के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी।

चमियाना नाले के उफान से 9-10 आवासीय इकाइयां खतरे की चपेट में
बीती रात से हो रही बारिश से संजौली क्षेत्र स्थित चमियाना नाला अत्यधिक जलमग्न हो गया है। नाले के जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने के कारण आसपास के रिहायशी क्षेत्रों विशेषकर चमियाना व हिल ग्रोवर स्कूल के साथ नाले के किनारे स्थित लगभग 9-10 आवासीय इकाइयां खतरे की चपेट में हैं। लोगों ने कहा कि उक्त नाला विगत वर्षों से डंपिंग जोन के समीप स्थित होने एवं नियमित जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण वर्षा के दौरान अत्यधिक दबाव में आ जाता है। निरंतर हो रहे भूस्खलन एवं जलभराव के कारण यह क्षेत्र उच्च जोखिम की श्रेणी में चिन्हित किया जाए। स्थानीय नागरिकों में भय और असुरक्षा की भावना व्याप्त है।

लोगों ने कहा कि नगर निगम एवं लोक निर्माण विभाग चमियाना नाले के किनारे बने मकानों की तकनीकी जांच कर सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। प्रभावित जगह का निरीक्षण कर उपयुक्त कदम उठाए जाएं, जल निकासी एवं नाले की मुरम्मत के लिए शीघ्र स्थायी समाधान प्रस्तावित किया जाए। वर्ष 2022 से नाले में डाले जा रहे नाली जल एवं अन्य अपशिष्ट के निस्तारण के लिए वैकल्पिक प्रबंधन व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

चमियाना न्यू ओपीडी सड़क बंद, पैदल पहुंचे लोग
चमियाना न्यू ओपीडी सड़क भूस्खलन के कारण सुबह के समय बंद हो गई। इस सड़क पर निरंतर भूस्खलन हो रहा है। जिसके चलते अस्पताल जाने वाले लोग पैदल ही खतरे की जद को पार करते हुए इस सड़क से निकले। वहीं प्रशासन की टीम दिन के समय मौके पर पहुंची और इस सड़क को खोलने का प्रयास किया, मगर अभी भी यहां पर हल्का-हल्का भूस्खलन हो रहा है।

भट्टाकुफर फल मंडी में हुआ भूस्खलन, कारोबार रुका
भट्टाकुफर फल मंडी में सुबह के समय भूस्खलन के कारण कुछ समय के लिए कारोबार रुक गया। इस मंडी में आजकल सेब, नाशपति, पलम, आडू आदि का कारोबार होता है। भूस्खलन का जायजा लेने के लिए एपीएमसीॅ चेयरमैन देवानंद वर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण हल्का भूस्खलन हुआ है, खतरे वाली अभी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर आढ़तियों के साथ भी बैठक की जा रही है तथा उनको निर्देश दिए गए हैं कि आप अपने कर्मचारियों व बागवानों को सतर्क रहने को कहें। यदि कभी ऐसा हो तो पहले ही मंडी को खाली कर दें।

बोथवेल में हुए लैंडस्लाइड का विधायक हरीश जनारथा ने लिया जायजा
बीती रात से लगातार हो रही बारिश के कारण संजौली कॉलेज के बिल्कुल साथ में शिमला शहर के बोथवेल इलाके में लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें एक औरत व बच्चा मकान के अंदर दरवाजे के आगे मलबा आने से फंस गए थे। ऐसे में शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा तुरंत ही मौके पर पहुंचे और बच्चे व औरत को भी बाहर निकाला। वहीं स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनसे स्थिति का जायजा लिया और तुरंत अधिकारियों को आदेश दिए कि इस बार तुरंत कार्रवाई की जाए। विधायक ने बरसात के आने की आशंका के चलते सभी को आदेश दिए हैं कि सभी नदी नाले के पास न जाएं और हर तरह से एहतियात बरती जाए।

महापौर ने सभी वार्डाें का किया निरीक्षण, लिया नुक्सान का जायजा
नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान सुबह ही एमसी के सभी वार्डाें में नुक्सान का जायजा लेने के लिए निकल पड़े। उन्होंने हर वार्ड में जाकर नुक्सान का जायजा लिया। महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि सबसे ज्यादा नुक्सान संजौली में हुआ है। वहीं एमसी क्षेत्र के मैहली, विकासनगर, खलीनी, पंथाघाटी, भट्टाकुफर, चमियाना रोड, कृष्णा नगर, पट्योग बीसीएस, संजौली बोथवेल रिल्दुभट्टा, भराड़ी सड़क, चक्कर क्रॉसिंग में भूस्खलन हुआ है। एम.सी. क्षेत्र में सभी सड़के दुरुस्त हैं।

एम.सी. क्षेत्र में 3 गाड़ियों को नुक्सान, 5 पेड गिरे
नगर निगम की परिधि में भारी बारिश के कारण 3 गाड़ियों को नुक्सान पहुंचा है तथा लगभग 5 पेड़ गिरे हैं। भट्टाकुफर में भूस्खलन से मलबा गाड़ियों पर गिर गया। जिससे 2 वाहनों को नुक्सान पहुंचा है। इसके अलावा देवनगर में भी एक गाड़ी पर पत्थर गिरा है। जिससे वाहन का शीशा टूट गया है। इसके अलावा भराड़ी में रगयान-दुधली सड़क पर पेड़ गिर गया। जिससे वाहनों की आवाजाही ठप्प रही। हालांकि प्रशासन द्वारा पेड़ को हटाने का कार्य शुरू किया गया।

धामी में भारी बारिश से सड़कों व पगदंडियों की हालत खस्ता
धामी (अश्विनी)- शनिवार रात से हो रही तेज बारिश ने एक तरफ जहां जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ सड़कों और पगदंडियों की हालत भी खराब हो चुकी है। धामी को जिला सोलन से जोड़ने वाली हलोग-गलोग सड़क में ड्रेनेज सिस्टम के बुरी तरह से खराब होने के कारण जगह-जगह गड्ढे पड़े हुए हैं और उन गड्ढों में बहुत ज्यादा मात्रा में भर रहे पानी से सड़क और सड़क के साथ लगते मकानों को भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक हलोग-गलोग सड़क में हुए अवैध निर्माण को बचाने के लिए सड़क की कटिंग एक ही तरफ को की जाती रही है, जिस कारण वन्य संपदा का भी नुक्सान हो रहा है और साथ ही यह बिल्कुल सीधी की गई है, जिससे बारिश का पानी पूरे वेग से सड़कों से टकराता है और सड़क में गड्ढे पड़ जाते हैं। लोगों ने सरकार से अवैध डंपिंग को बंद करवाने तथा सड़क के किनारे हुए अवैध कब्जों को हटाने की मांग की है।

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