Edited By Kuldeep, Updated: 11 Jan, 2025 07:17 PM
2017 में जल शक्ति विभाग में रखे गए पैरा वर्कर्ज अपनी मांगों को लेकर उग्र हो गए हैं। महज 5 हजार रुपए वेतन मिलने से खफा पैरा वर्कर्ज यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर अब बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए चेताया है।
शिमला (संतोष): 2017 में जल शक्ति विभाग में रखे गए पैरा वर्कर्ज अपनी मांगों को लेकर उग्र हो गए हैं। महज 5 हजार रुपए वेतन मिलने से खफा पैरा वर्कर्ज यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर अब बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए चेताया है। पैरा वर्कर्ज का कहना है कि वेतन और नीति की मांग को लेकर सरकार से कई बार मिल चुके हैं लेकिन सरकार ने उन्हें अनसुना किया है। पैरा वर्कर्ज यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष महेश शर्मा ने शिमला में शनिवार को प्रैसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग में लगे पैरा वर्कर्ज को न के बराबर वेतन दिया जा रहा है, जिससे इस महंगाई के दौर में परिवार के एक सदस्य का गुजारा तक नहीं हो पा रहा है। पैरा वर्कर्ज को किसी भी प्रकार से कोई भी छुट्टी नहीं दी जाती है, इसलिए छुट्टी का प्रावधान किया जाए और विभाग द्वारा उन्हें 6 घंटे के लिए रखा गया था, लेकिन उनसे 8 से 10 घंटे ड्यूटी ली जा रही है जिसे 8 घंटे किया जाए।
उन्होंने कहा कि सोलन और सिरमौर सहित कुछ अन्य जिलों में पैरा वर्कर्ज को पिछले तीन से चार महीने का वेतन भी नहीं मिला है। उन्होंने मांग की है कि सरकार वेतन को कम से कम 9 से 10 हजार तक बढ़ाए और एक स्थायी नीति बनाई जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके, अन्यथा वे बजट सत्र के दौरान घेराव करने के लिए लाचार हो जाएंगे।