Edited By Kuldeep, Updated: 31 Dec, 2024 05:27 PM
हिमाचल में अब प्रदेश सरकार पशुपालकों से डिजिटल माध्यम से दूध खरीदेगी। प्राथमिक चरण में प्रायोगिक आधार पर 8 से 10 समितियों में दूध खरीद का कार्य डिजिटल माध्यम से शुरू किया जाएगा।
शिमला (राजेश): हिमाचल में अब प्रदेश सरकार पशुपालकों से डिजिटल माध्यम से दूध खरीदेगी। प्राथमिक चरण में प्रायोगिक आधार पर 8 से 10 समितियों में दूध खरीद का कार्य डिजिटल माध्यम से शुरू किया जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। वहीं उन्होंने विभागीय अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर दूध का परीक्षण करने तथा वैब और मोबाइल इंटरफेस के साथ वास्तविक समय डेटा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने दूध के कुशल परिवहन के लिए जीपीएस सक्षम रूट ट्रैकिंग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों के अथक परिश्रम को ध्यान में रखते हुए उनके उत्पाद को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए हिमाचली डेयरी उत्पादों का अलग से विपणन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार दूध के लाभकारी मूल्य प्रदान कर रही है। हिमाचल देश का पहला राज्य है जिसने दूध खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया है, जो देश में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि किसानों से गाय का दूध 45 रुपए प्रति लीटर तथा भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। इस क्रम को जारी रखते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए बजट 2025-26 में भी अनेक पहल की जाएंगी। बैठक में पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, सचिव पशुपालन रितेश चौहान, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, प्रबंध निदेशक मिल्कफैड विकास सूद और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
6 नए दुग्ध अभिशीतन संयंत्र और दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करेगी सरकार
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार 161.52 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश में 6 नए दुग्ध अभिशीतन संयंत्र और दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने जा रही है। जिला कांगड़ा के ढगवार में एक अत्याधुनिक पूर्ण स्वचालित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है जिसकी प्रतिदिन 1.50 लाख लीटर दुग्ध प्रसंस्करण की क्षमता होगी, जिसे बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन किया जा सकेगा। यह संयंत्र मार्च में क्रियाशील हो जाएगा जिससे कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर और अन्य पड़ोसी जिलों के दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलेगा।
दूध खरीद राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में होगी ट्रांसफर
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि किसानों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए दूध की खरीद राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी तथा संग्रहण डेटा, मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण के बारे में विवरण एस.एम.एस. के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण से दूध खरीद में सुगमता और इसका निर्बाध संचालन सुनिश्चित होगा। यह प्रणाली दूध खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।