शिमला-कालका रेल मार्ग पर 5 सितम्बर तक बंद रहेगा ट्रेनों का संचालन

Edited By Vijay, Updated: 19 Aug, 2023 10:42 PM

shimla kalka rail route

विश्व धरोहर शिमला-कालका रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन अब फिलहाल 5 सितम्बर तक बंद रहेगा। इसको लेकर अंबाला रेलवे मंडल ने रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के चलते सभी 7 ट्रेनों के संचालन बंद रखने की अवधि आगे बढ़ा दी है।

शिमला (अभिषेक): विश्व धरोहर शिमला-कालका रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन अब फिलहाल 5 सितम्बर तक बंद रहेगा। इसको लेकर अंबाला रेलवे मंडल ने रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के चलते सभी 7 ट्रेनों के संचालन बंद रखने की अवधि आगे बढ़ा दी है। भले ही रेलवे प्रबंधन की अधिसूचना के अनुसार इस ऐतिहासिक रेलवे ट्रैक पर सभी ट्रेनें 5 सितम्बर तक रद्द की गई हैं, लेकिन ट्रैक जिस तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है, उससे ट्रैक को दुरुस्त करने में काफी समय लग सकता है। बीते 14 अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद यह ट्रैक पूरी तरह से बाधित हो गया है। हालांकि रेलवे प्रबंधन ने रेलवे ट्रैक को दुरुस्त करने की योजना तैयार कर ली है लेकिन योजना के तहत ट्रैक को ठीक करने में काफी समय लग सकता है। 

समरहिल व जतोग के बीच क्षतिग्रस्त रेलवे ट्रैक गार्डर लगाकर किया जाएगा ठीक
समरहिल व जतोग के बीच क्षतिग्रस्त हुए रेलवे ट्रैक को गार्डर लगाकर दुरुस्त किया जाएगा। इसको लेकर रेलवे प्रबंधन ने विशेष योजना तैयार की है। जिस तरह से समरहिल रेलवे स्टेशन के समीप व जतोग के बीच पुल भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है और करीब 50 मीटर रेलवे ट्रैक हवा में झूल रहा है, उस हिस्से को ठीक करने में समय लगेगा। इस हिस्से को दुरुस्त करने में करीब अढ़ाई करोड़ रुपए का खर्चा आना अनुमानित है। इसके अलावा सोलन व परवाणू के बीच रेलवे ट्रैक को दुरुस्त करने में करीब 3 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है। सूचना के अनुसार पहले चरण में कुल साढ़े 5 करोड़ रुपए से ट्रैक को ठीक कर ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा। इसके बाद रेलवे ट्रैक के आसपास संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर ट्रैक को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

भूस्खलन के कारण बार-बार बाधित हुआ ट्रैक
प्राकृतिक आपदा का असर पहली बार इस 120 वर्ष पुराने रेलवे ट्रैक पर पड़ा है। बीते करीब डेढ़ माह में रेलवे ट्रैक पर प्राकृतिक आपदा का इस तरह असर पड़ा है कि बार-बार ट्रैक अवरुद्ध हुआ है। 95.68 किलोमीटरी लंबी ऐतिहासिक लाइन को लोक यातायात के लिए 9 नवम्बर 1903 को खोला गया था। 10 जुलाई 2008 को इसे यूनैस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया और भारत की पर्वतीय रेलवे के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया। 

10 जुलाई से बंद है ट्रेनों का संचालन
रेलवे प्रबंधन ने भारी बारिश के बाद रेलवे ट्रैक जगह-जगह से अवरुद्ध होने के बाद ट्रेनों का संचालन 10 जुलाई से बंद कर दिया था। इसके बाद शिमला व सोलन के बीच रेलवे ट्रैक दुरुस्त होने के बाद बीते 19 जुलाई से स्पैशल ट्रेन शुरू की थी लेकिन अब ट्रैक क्षतिग्रस्त होने से स्पैशल ट्रेन का संचालन बंद करना पड़ा।

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