Shimla: शिपकी-ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू की जाए : सुक्खू

Edited By Kuldeep, Updated: 19 Apr, 2025 10:11 PM

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के शिपकी-ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने का मामला केंद्र सरकार से उठाया जाएगा।

शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के शिपकी-ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने का मामला केंद्र सरकार से उठाया जाएगा। उन्होंने यह बात यहां मध्य कमान लखनऊ के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लैफ्टिनैंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हिंदू, जैन व बौद्ध धर्म के लोगों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा का धार्मिक महत्व है।

हर वर्ष आध्यात्मिक विरासत का निर्वहन करते हुए हजारों तीर्थ यात्री कैलाश की यात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्री शिपकी-ला दर्रे के माध्यम से तिब्बत में प्रवेश कर सकते हैं, क्योंकि यह एक व्यवहारिक मार्ग है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से सिक्किम, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल स्काऊट बटालियन की स्थापना करने का आग्रह करेगी, जिसमें राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के स्थानीय लोगों के लिए विशेष कोटा होगा।

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों की यह मांग लंबे समय से लंबित है। उन्होंने कहा कि एलएसी तक बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना और अन्य अर्धसैनिक बलों के साथ सहयोग और सहभागिता आवश्यक है। राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार से विभिन्न सैन्य और अर्धसैनिक बलों की इनर लाइन चैक पोस्टों को समाप्त करने का भी आग्रह किया जाएगा, जिससे वर्तमान में पर्यटकों के लिए परमिट संबंधी बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने पर्यटकों की यात्रा को सरल बनाने और आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने पर बल दिया।

रंगरिक में हवाई पट्टी स्थापित करने का आग्रह
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पीति घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सेना से रंगरिक में हवाई पट्टी स्थापित करने के लिए कहा, ताकि यहां बड़े विमान उतरने में सक्षम हो सकें। उन्होंने सांगला, नेसंग व ठंगी आदि में हैलीपोर्ट बनाने के लिए सर्वेक्षण करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि इन कदमों से क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी। पर्यटन क्षेत्र के विस्तार को राज्य सरकार प्राथमिकता प्रदान कर रही है और सीमावर्ती क्षेत्रों में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सेना के साथ समन्वय अति आवश्यक है। उन्होंने सेना से क्षेत्र में सैन्य स्कूल स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्र में दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करेगी और भारतीय सेना को उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

रक्षा मंत्रालय करे सड़कों का रखरखाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों का रखरखाव रक्षा मंत्रालय की तरफ से किया जाना चाहिए, क्योंकि सड़कें राज्य की जीवन रेखा का कार्य करती हैं। इनमें किआटो-तकलिंग ला-नूरबो सुमदो, वांगतू-काफनू-मुद-अटरगू, लियो-चांगो, गिउ-पांग, खानादुमती-निथल थाच, हरसिल, ज्योरी-वांगतू से शिपकी-ला तक की सड़कें शामिल हैं। भारतीय सेना ने सरकार की इन पहलों में मजबूत सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के साथ जलापूर्ति, बिजली और खेल क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने में गहरी रुचि दिखाई। लैफ्टिनैंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने कहा कि भारतीय सेना काजा में सभी मौसम के अनुकूल आइस स्केटिंग रिंक और इंडोर स्टेडियम का निर्माण करेगी।

इसके अतिरिक्त सेना की तरफ से काजा में नेत्र स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन भी किया जाएगा। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, प्रधान सचिव देवेश कुमार, निदेशक पर्यटन विवेक भाटिया, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क राजीव कुमार, लैफ्टिनैंट जनरल डीजी मिश्रा, ब्रिगेडियर आरएस चंदेल, ब्रिगेडियर अनुराग पांडे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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