Edited By Kuldeep, Updated: 30 Nov, 2025 08:57 PM

एचआरटीसी पैंशनर्ज की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। महीने के शुरूआत में मिलने वाली पैंशन एक बार फिर अंतिम दिनों में ही खातों में पहुंची है।
शिमला (राजेश): एचआरटीसी पैंशनर्ज की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। महीने के शुरूआत में मिलने वाली पैंशन एक बार फिर अंतिम दिनों में ही खातों में पहुंची है। पैंशनर्ज के खाते में अक्तूबर माह की पैंशन 29 नवम्बर की शाम खाते में जमा हुई है। पैंशन में लगातार देरी से बुजुर्ग पैंशनर्ज को आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है। पथ परिवहन पैंशनर्ज कल्याण संगठन के प्रैस सचिव देवेंद्र चौहान ने बताया कि निगम व सरकार की लापरवाही के कारण पैंशनर्ज का जीवन मुश्किल में है।
तीन साल से मैडीकल भत्ता बंद पड़ा है, जिसके कारण गंभीर बीमार पैंशनर्ज को इलाज तक नसीब नहीं हो रहा है। चौहान ने कहा कि समय पर उपचार न मिलने के कारण हर माह 3 से 4 पैंशनर्ज की मौत हो रही है, जो अत्यंत चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय पर समाधान नहीं निकाला तो संगठन सख्त कदम उठाने को बाध्य होगा।
पैंशनर्ज ने भी देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार और निगम उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वरिष्ठ पैंशनर किशोरी लाल ने कहा हम हर महीने इंतजार करते हैं कि पैंशन समय पर मिले, लेकिन अब तो यह तय हो गया है कि महीने के आखिर में ही आएगी। दवाइयों के लिए पैसे उधार लेने पड़ते हैं। एक अन्य पैंशनर अशोक ने बताया कि तीन साल से मैडीकल भत्ता बंद है। कई साथी बीमार पड़े हैं और इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
पैंशनर जसवंत ठाकुर ने कहा कि सरकार हमारी सेवा के समय हम पर निर्भर थी, अब जब हम बूढ़े हो गए हैं तो हमारी तरफ ध्यान ही नहीं। जल्दी समाधान चाहिए वरना मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। पैंशनर्ज का कहना है कि 80 प्रतिशत सदस्य किसी न किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और देरी से मिलने वाली पैंशन उनके लिए सबसे बड़ा संकट बन चुकी है।