Edited By Kuldeep, Updated: 29 Jun, 2025 06:19 PM

कालेजों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) निरीक्षण प्रक्रिया शुरू करेगा।
शिमला (अभिषेक): कालेजों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) निरीक्षण प्रक्रिया शुरू करेगा। निरीक्षण के दौरान कालेजों में उपलब्ध व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा। इसके अलावा कालेजों में नशा मुक्त परिसर, स्वच्छ परिसर और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए भी विश्वविद्यालय से टीमों को भेजा जाएगा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नवनियुक्त डीन (कालेज विकास परिषद) प्रो. हरिमोहन ने कार्यभार संभाल लिया है। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी कालेजों का दौरा करेंगे ताकि वे कालेजों की वर्तमान परिस्थितियों से रू-ब-रू हो सकें। कालेजों में विद्यार्थियों को पेश आ रही समस्याओं व कमियों के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद वे इसकी रिपोर्ट तैयार कर विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखेंगे ताकि विभिन्न समस्याओं का निवारण हो सके। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य इन सभी प्राथमिकताओं को धरातल पर कैसे उतारा जा सके, इसके लिए वह कार्य करेंगे और कालेजों की जायज मांगों को विश्वविद्यालय स्तर पर प्रस्तुत कर उन्हें पूरा करने का प्रयास करेंगे।
प्रो. हरिमोहन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों में प्रदेश के लाखों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं और इन्हीं विद्यार्थियों द्वारा देश का भविष्य तय होता है इसलिए कालेजों के साथ विश्वविद्यालय का तालमेल ठीक बैठे, इसके लिए वह कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकताओं में कालेजों में खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों को और अधिक बढ़ावा कैसे मिले इसके लिए कालेजों के साथ बातचीत कर आगे बढ़ा जाएगा।
संसाधनों के अभाव में रहकर प्रो. हरिमोहन ने हासिल की सफलता
प्रो. हरिमोहन ने संसाधनों के अभाव में भी अपने लक्ष्य को डगमगाने नहीं दिया। जब वह एम.एससी. की पढ़ाई के लिए घर से बाहर गए तो उस समय उनके पास हर प्रकार के संसाधनों की कमी थी। कम संसाधनों में अपने लक्ष्य को कैसे हासिल करना है यह उस समय उन्होंने सीखा और अपनी पढ़ाई पर बिलकुल भी प्रभाव नहीं पड़ने दिया। प्रारंभिक पढ़ाई के पश्चात 1986 में एम.एससी. (गणित) पूर्ण की। इसके पश्चात वर्ष 1992 में पीएच.डी. की उपाधि गणित में प्राप्त की। 1997 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इक्डोल में उन्होंने प्रवक्ता के रूप में अपनी सेवाएं देनी आरंभ की।