Edited By Jyoti M, Updated: 27 Dec, 2025 04:55 PM

हिमाचल प्रदेश में रामपुर डिपो के खड़ाहण में ड्यूटी पर तैनात चालक और परिचालक पर हुए जानलेवा हमले ने न केवल परिवहन विभाग को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नशे में धुत एक स्थानीय व्यक्ति की...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में रामपुर डिपो के खड़ाहण में ड्यूटी पर तैनात चालक और परिचालक पर हुए जानलेवा हमले ने न केवल परिवहन विभाग को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नशे में धुत एक स्थानीय व्यक्ति की दबंगई इस कदर बढ़ गई कि उसने कानून और वर्दी का खौफ ताक पर रखकर कुल्हाड़ी से जान लेने की कोशिश की।
विवाद की जड़:
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब रामपुर डिपो की बस खड़ाहण मार्ग से गुजर रही थी। रास्ते में एक स्थानीय व्यक्ति ने अपनी निजी गाड़ी को बेतरतीब ढंग से खड़ा किया था, जिससे बस निकालने की गुंजाइश नहीं बची थी। जब चालक और परिचालक ने शिष्टाचार के साथ गाड़ी हटाने को कहा, तो आरोपी ने सहयोग करने के बजाय अभद्र व्यवहार शुरू कर दिया। हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के अनुसार, आरोपी ने पहले गाली-गलौज की और फिर चालक को बस से खींचकर बाहर निकालने का प्रयास किया।
दहशत का मंजर:
प्रत्यक्षदर्शियों और संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक, विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपी पास की एक दुकान में घुसा और वहां से कुल्हाड़ी उठा लाया। वह चालक की जान लेने के इरादे से उसके पीछे दौड़ पड़ा। इस हमले ने मौके पर मौजूद लोगों और बस में सवार यात्रियों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए चालक-परिचालक ने तुरंत रामपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई है।
कर्मचारियों का आक्रोश:
कर्मचारी संघ ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि अगले 24 घंटों में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे चक्का जाम करने को मजबूर होंगे।
सुरक्षा की मांग
मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री हरीश कुमार पराशर का कहना है कि प्रदेश के दुर्गम इलाकों में सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के साथ ऐसी हिंसक घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। संगठन ने स्पष्ट किया है कि यदि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह विरोध प्रदेश स्तर पर उग्र हो सकता है।