Himachal: 10वीं के फर्जी प्रमाण पत्र से हासिल कर ली सरकारी नौकरी, ऐसे हुआ खुलासा, नौकरी से बर्खास्त

Edited By Kuldeep, Updated: 05 Jul, 2025 09:49 PM

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हिमाचल में बिहार निवासी एक व्यक्ति ने 10वीं के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर ग्रामीण डाक सेवक के पद पर नौकरी हासिल कर ली। इसके बाद जब विभागीय स्तर पर दस्तावेजों का सत्यापन करवाया गया तो उसका पूरा राज खुल गया है।

शिमला (राक्टा): हिमाचल में बिहार निवासी एक व्यक्ति ने 10वीं के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर ग्रामीण डाक सेवक के पद पर नौकरी हासिल कर ली। इसके बाद जब विभागीय स्तर पर दस्तावेजों का सत्यापन करवाया गया तो उसका पूरा राज खुल गया है। ऐसे में शिकायत के आधार पर सीबीआई की शिमला स्थित शाखा में बिहार जिला सीतामढ़ी, डाकघर बखरी निवासी सुजीत कुमार के साथ ही अन्य अज्ञात व्यक्तियों और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

सूचना के अनुसार डाक विभाग ने मैट्रिक परीक्षा की मैरिट के आधार पर अखिल भारतीय ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के माध्यम से शाखा पोस्ट मास्टर, सहायक शाखा पोस्ट मास्टर, ग्रामीण डाक सेवक के पद के लिए रिक्तियां प्रकाशित की थीं। इसी कड़ी में सुजीत कुमार 10वीं कक्षा की मैरिट सूची के आधार पर 14 सितम्बर 2021 को ग्रामीण डाक सेवक के रूप में नियुक्त किया गया और वह 19 मई 2022 तक नमज्ञा बीओ, पूह उप डाकघर रिकांगपिओ में तैनात रहा। जांच में सामने आया है कि नौकरी प्राप्त करने के लिए 10वी कक्षा का जो प्रमाण जमा करवाया गया था, वह सुजीत कुमार नाम से 10 जून 2017 को राज्य विद्यालय परीक्षा बोर्ड (माध्यमिक) और उच्चतर माध्यमिक परीक्षा बोर्ड तमिलनाडु द्वारा जारी किया गया दर्शाया था।

ऐसे में जब डाक विभाग द्वारा अपने स्तर पर 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र का सत्यापन करवाया गया तो खुलासा हुआ कि मार्कशीट सरकारी परीक्षा निदेशालय चेन्नई द्वारा जारी नहीं की गई थी और न ही रिकार्ड में पाई गई। ऐसे में अधीक्षक पोस्ट डिपार्टमैंट रामपुर पोस्टल डिवीजन की शिकायत पर केस दर्ज कर आगामी छानबीन शुरू कर दी है। गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रदेश में इस तरह के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से सीबीआई पहले से ही जांच में जुटी हुई है। ऐसे में माना जा रहा कि इसके पीछे कोई गिरोह सक्रिय हो सकता है।

1.31 लाख से अधिक का वेतन लिया
जांच में सामने आया है कि सुजीत कुमार ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल कर 14 सितम्बर 2021 से 19 मई 2022 तक 1,31, 038 रुपए का वेतन भी लिया। इस प्रकार डाक विभाग को वित्तीय चपत लगाकर खुद को अनुचित लाभ लिया गया। मामला सामने आने के बाद सुजीत कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।

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