Edited By Kuldeep, Updated: 06 Oct, 2024 06:52 PM
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के हिमाचल दौरे ने प्रदेश के राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। सत्तापक्ष व विपक्ष की ओर से आरोप व प्रत्यारोप का दौर भी जारी है।
शिमला (हैडली): भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के हिमाचल दौरे ने प्रदेश के राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। सत्तापक्ष व विपक्ष की ओर से आरोप व प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। रविवार को कांग्रेस ने नड्डा को झूठ बोलना छोड़कर, हिमाचली होने का धर्म निभाने की सलाह दी है। कांग्रेस ने कहा कि जगत प्रकाश नड्डा को राज्य में आकर झूठ बोल कर देवभूमि हिमाचल प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास नहीं करना चाहिए, क्योंकि पिछले बीस माह के कार्यकाल में वर्तमान कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है और यह सच प्रदेश की जनता भली-भांति जानती है। कांग्रेस ने कहा कि बेशक जगत प्रकाश नड्डा राज्यसभा में गुजरात का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन हिमाचल उनका घर है।
इसलिए उन्हें केंद्र सरकार के साथ हिमाचल प्रदेश के हितों की मजबूती के साथ पैरवी करनी चाहिए और राज्य के लोगों को उनका हक दिलवाने में मदद करनी चाहिए। शिमला से जारी बयान में स्वास्थ्य मंत्री डा. (कर्नल) धनीराम शांडिल और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि कहा कि पिछले वर्ष आपदा से राहत के प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 4500 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज देकर फिर से बसाया है, जबकि अभी भी आपदा के केंद्र सरकार के पास राज्य के लगभग 10 हजार करोड़ रुपए के क्लेम लंबित हैं। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार के पास एनपीएस के फंसे 9200 करोड़ रुपए और बीबीएमबी एरियर के 4500 करोड़ रुपए हिमाचल प्रदेश को दिलाने में भी उन्हें हिमाचल प्रदेश की मदद करनी चाहिए।
शांडिल और धर्माणी ने कहा कि आपदा के लिए केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को एक पैसे की भी विशेष मदद नहीं मिली और नड्डा प्रदेश की जनता के सामने गलत आंकड़े प्रस्तुत कर रहे हैं। जो धनराशि केंद्र ने दी है, वह देश के सभी राज्यों को केंद्र सरकार से मिलने वाला वार्षिक हक है तथा आपदा का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आपदा नहीं आती, तब भी यह धनराशि हिमाचल प्रदेश को मिलनी ही थी।
वंचित और पिछड़े वर्गों की सेवा के लिए की अनेक योजनाओं की शुरूआत
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल में वंचित और पिछड़े वर्गों की सेवा के लिए अनेक योजनाओं की शुरूआत की है। जो अपनी आवाज नहीं उठा सकते थे, वर्तमान राज्य सरकार उस वर्ग की भी आवाज बनी है। अनाथ बच्चों, विधवा और एकल महिलाओं के बच्चों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। मंत्रियों ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ऐसा कोई वर्ग नहीं है, जिसके कल्याण के लिए राज्य सरकार ने कोई योजना न बनाई हो। इसलिए भाजपा नेताओं को सोच समझ कर बयानबाजी करनी चाहिए।