Edited By Kuldeep, Updated: 08 Feb, 2025 06:54 PM
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हिमाचल प्रदेश करुणामूलक संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने प्रदेश सरकार तथा उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि चुनावों के समय उनसे किए वायदों को सरकार ने पूरा नहीं किया तो वह...
शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश करुणामूलक संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने प्रदेश सरकार तथा उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि चुनावों के समय उनसे किए वायदों को सरकार ने पूरा नहीं किया तो वह संघर्ष करने को मजबूर होंगे। इसको लेकर अंतिम निर्णय संघ की कार्यकारिणी की बैठक में लिया जाएगा। यह बात संघ की उपाध्यक्ष बॉबी शुर्ता ने शनिवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान व पूर्व सरकार ने करुणामूलक परिवारों की उपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के समय कांग्रेस नेताओं व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हर मंच से करुणामूलक संघ के लिए स्थायी नीति बनाने के वायदे किए थे, लेकिन 2 वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूरा हो गया है, लेकिन उनकी एक भी मांग पूरी नहीं हुई है तथा धरातल पर कुछ नहीं दिखा है।
उन्होंने कहा कि संघ ने अपनी मांगों को लेकर 432 दिनों का अनशन किया। उन्होंने कहा कि वह कई बार सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी मिले, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिला। सरकार अब कह रही है कि कमेटी का गठन करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि नौकरी नहीं देनी है तो फिर कमेटी का क्या करना है। उन्होंने कहा कि संघ अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। उन्होंने सीएम से पूछा कि उन्हें चुनावों के समय झूठे आश्वासन क्यों दिए गए। उन्होंने सरकार से करुणामूलक परिवार के लिए 62,500 रुपए की आय की शर्त को पूरी तरह से हटाया जाए। इसके अलावा वित्त विभाग द्वारा रिजैक्ट मामलों को फिर से कंसीडर किया जाए। करुणामूलक भर्तियों के कोटे की शर्त को भी हटाया जाए।
आईपीएस के बेटे की तर्ज पर लंबित 3234 करुणामूलक मामलों को भी दी जाए नौकरी
उपाध्यक्ष बॉबी शुर्ता ने कहा कि जिस पॉलिसी के आधार पर एक आईपीएस के बेटे को रातों रात नौकरी दी गई, उसी पॉलिसी के आधार पर लंबित 3234 करुणामूलक मामलों को देखा जाए तथा संबंधित परिवारों को नौकरी दी जाए। उन्होंने पूछा कि चहेतों को ही क्यों नौकरी दी जा रही है।
20 वर्ष से नौकरी का कर रहे इंतजार
उन्होंने कहा कि करुणामूलक परिवार गत 15 से 20 वर्षों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कई लोगों की उम्र भी नौकरी की निकल रही है और वे ओवरएज हो रहे हैं। इन लोगों के परिवारों को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है, लेकिन प्रदेश सरकार न तो कमेटी की बैठक कर रही है और न ही उन्हें नौकरी दे रहे हैं।
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