Edited By Kuldeep, Updated: 03 Feb, 2025 05:18 PM
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पहल पर हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) के सभी अधिकारियों ने स्वेच्छा से विद्युत सबसिडी छोड़ने का निर्णय लिया है।
शिमला (हैडली): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पहल पर हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) के सभी अधिकारियों ने स्वेच्छा से विद्युत सबसिडी छोड़ने का निर्णय लिया है। सभी एचएएस अधिकारियों ने इसके लिए विद्युत सबसिडी छोड़ने के फार्म भरकर मुख्यमंत्री को गत सायं हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ के वार्षिक सम्मेलन में प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में डिले करप्शन को शून्य करना उनकी सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एचएएस कैडर को और सशक्त करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान की चुनौतियों का सामना नई तकनीक और सोच के साथ ही किया जा सकता है।
सरकार का लक्ष्य वर्ष, 2027 में प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य और वर्ष, 2032 में देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल विद्युत, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, डेटा स्टोरेज और कृषि व बागवानी पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि वे दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में भी सराहनीय सेवाएं प्रदान कर अपने कर्त्तव्य का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। अधिकारी सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर कार्यान्वित करने में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं।
एचएएस अधिकारियों की मांगों को लेकर होगी बैठक
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार एचएएस अधिकारियों की मांगों पर सहानुभूतिर्पूक विचार करेगी। इसके लिए शीघ्र ही उच्च स्तरीय बैठक में विस्तृत चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एचएएस अधिकारी संघ के नए लोगो, फ्लैग और स्मारिका का विमोचन भी किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रवण मांटा और महासचिव प्रशांत सरकैक ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। विधायक नीरज नैयर, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल चंद, एसोसिएशन के विभिन्न पदाधिकारी, सेवानिवृत्त एचएएस अधिकारी और गण्यमान्य उपस्थित थे।