Himachal: बिजली बोर्ड में 700 पद खत्म करने के फैसले पर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

Edited By Vijay, Updated: 05 Feb, 2025 09:36 PM

electricity board employees open front against government

बिजली बोर्ड निदेशक मंडल में अभी हाल में हुए फैसले और बोर्ड के 700 पदों को समाप्त करने पर मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों, इंजीनियरों व पैंशनरों ने संयुक्त रूप से प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

शिमला (राजेश): बिजली बोर्ड निदेशक मंडल में अभी हाल में हुए फैसले और बोर्ड के 700 पदों को समाप्त करने पर मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों, इंजीनियरों व पैंशनरों ने संयुक्त रूप से प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मोर्चा खोलते हुए बुधवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड कर्मचारी, अभियंता और पैंशनर्ज की ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक शिमला में हुई। बैठक में बिजली बोर्ड के ढांचे के साथ की जा रही छेड़छाड़ के खिलाफ पुरजोर विरोध किया और इन मुद्दों पर प्रदेशभर में आंदोलन को और तेज करने का फैसला लिया। वहीं बैठक के बाद ज्वाइंट एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों सहित भोजनावकाश के दौरान बोर्ड मुख्यालय के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन किया, जिसमें सैंकड़ों कर्मचारियों व पैंशनर्ज ने भाग लिया और बिजली बोर्ड में युक्तिकरण के नाम पर पदों को समाप्त करने का विरोध किया।

आदेश जारी हुए तो प्रदेश भर में आंदोलन होगा तेज
प्रदर्शन के दौरान कमेटी ने प्रदेश सरकार से मांग उठाई कि बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल द्वारा बोर्ड में 700 पदों को समाप्त करने के फैसले को वापस लिया जाए। वहीं यदि इस फैसले के कार्यालय आदेश जारी होते हैं तो प्रदेश भर में आंदोलन को और तेज किया जाएगा, जिसकी शुरुआत 11 फरवरी को हमीरपुर जिला से की जाएगी। इसके बाद प्रदेश भर में पंचायत स्तर पर सरकार की नीतियों का विरोध किया जाएगा। इस मौके पर कर्मचारी व अभियंता के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा पैंशनर्ज ई. एएस गुप्ता, चंद्र सिंह मंदयाल, ई. महेश श्रीधर और कुलदीप खरवाड़ा ने भी कर्मचारियों को सम्बोधित किया। 

2010 में हुए समझौते का दिया हवाला
धरना-प्रदर्शन के तहत कमेटी ने सरकार से अन्य मांगें भी जल्द से जल्द पूरी करने की मांग की। वहीं कमेटी के पदाधिकारियों ने जून 2010 में बिजली कर्मचारियों व अभियंता के साथ हुए समझौते का हवाला देते हुए कहा कि बिजली बोर्ड के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। किसी भी फैसले से पहले कर्मचारियों व यूनियन से वार्ता जरूरी होगी।

फिर उठाई पुरानी पैंशन व नई भर्ती की मांग
धरना-प्रदर्शन के दौरान यूनियन व फ्रंट पदाधिकारियों ने फिर से सरकार से बिजली बोर्ड में पुरानी पैंशन बहाल करने की मांग उठाई और कहा कि सरकार को बने 2 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक बिजली कर्मचारियों की पैंशन बहाल नहीं हुई है। कर्मचारियों में पहले ही भारी रोष है और यह रोष आंदोलन के रूप में उभरेगा। वहीं सरकार के समक्ष मांग रखी कि बिजली बोर्ड में युक्तिकरण के नाम पर पदों को समाप्त करना बंद किया जाए और बोर्ड में नई भर्तियां शुरू की जाएं। इसके अतिरिक्त बिजली बोर्ड पैंशनर्ज के सेवानिवृत्ति के लाभ और पैंशन की बकाया राशि की अदायगी शीघ्र की जाए।

आऊटसोर्स कर्मियों के लिए जल्द बनाई जाए नीति
धरना-प्रदर्शन के दौरान कमेटी के पदाधिकारियों ने आऊटसोर्स कर्मचारियों की बात को प्रमुखता से रखा और बिजली बोर्ड में आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायह नीति बनाने और भविष्य में आऊटसोर्स भर्ती बंद किए जाने की मांग रखी। वहीं बिजली बोर्ड में सबस्टेशन व पावर हाऊस की ऑप्रेशन एंड मैंटीनैंस आऊटसोर्सिंग बंद करने मांग को भी प्रमुखता से रखा।
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