Edited By Kuldeep, Updated: 29 Dec, 2025 07:21 PM
केंद्र सरकार पर मनरेगा को समाप्त करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ ऐतिहासिक रिज मैदान स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया।
शिमला (राक्टा): केंद्र सरकार पर मनरेगा को समाप्त करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ ऐतिहासिक रिज मैदान स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के साथ कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा को ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा आरंभ किया गया था, जोकि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह तथा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी की सोच थी। उन्होंने कहा कि मनरेगा में पहले ग्राम पंचायत के प्रधान और ग्राम सभा की मांग पर लोगों के लिए विकास योजनाएं बनती थीं तथा लागू की जाती थीं, जबकि अब प्रधान योजनाएं नहीं बनाएंगे।
अब इस योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा धनराशि का आबंटन होगा तथा उनके द्वारा ही क्षेत्र विशेष में विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के इस निर्णय के विरोध में जिला तथा ब्लॉक स्तर पर धरना देगी, ताकि लोगों को केंद्र सरकार के इस जन विरोधी निर्णय के बारे में जागरूक किया जा सके। सी.एम. सुक्खू ने कहा कि पहाड़ी राज्य हिमाचल को केंद्र के निर्णय से बड़ा झटका लगा है। यह बेहद दुख का विषय है कि मनरेगा में पहले प्रदेश के लिए 100 प्रतिशत दिहाड़ी केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती थी तथा अतिरिक्त 80 रुपए प्रदेश सरकार द्वारा अपनी तरफ से मजदूरों को दिहाड़ी के दिए जाते थे, लेकिन अब नए प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के लिए 90 प्रतिशत दिहाड़ी केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी तथा 10 प्रतिशत दिहाड़ी प्रदेश सरकार को वहन करने होगी।
इसी तरह नई योजना में जिला परिषदों में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए बजट प्रावधान को भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इस योजना को पंचायतों की मांग के आधार पर किया जाए तथा उनकी विकासात्मक जरूरतों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए एक्ट से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम होंगे और सड़कें, रास्ते, तालाब जैसे कार्य प्रभावित होंगे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी चेतन चौहान, विधायक चंद्रशेखर, अनुराधा राणा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, पार्षद, विभिन्न बोर्डों व निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
नेता प्रतिपक्ष सोच समझ कर तथ्य पर बोलें
सीएम ने एक सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर पलटवार करते हुए कहा कि जो वह बोलते हैं, उन्हें सोच समझ कर तथ्य पर बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीडीएनए का 2023-24 में 9300 करोड़ का आंकलन केंद्र सरकार ने किया। 2 वर्ष बाद पीडीएनए मिलना है, जिसमें 1500 करोड़ भारत सरकार और 500 करोड़ प्रदेश सरकार ने देने हैं। यानि की 9300 करोड़ रुपए में 15 प्रतिशत ही केंद्र दे रही है और उनकी भी गिनती करवा रही है। पहली किस्त में 451 तो दूसरी में 601 करोड़ दिए। ऐसे में देखा जाए तो 1 हजारा करोड़ में 250 करोड़ प्रदेश सरकार ने दिए और केंद्र ने केवल 750 करोड़ दिए। 500 करोड़ अभी आने हैं। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार जितने भी पैसे दे रही है, वह एकसाथ नहीं दे रही, तड़पा-तड़पा कर दे रही है। एक साथ पूरी राशि देती तो ज्यादा फायदा जनता को होता।
पैसा रुकवाने नहीं, प्रदेश को उसका हक दिलाने जाएं दिल्ली
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को रोज कुछ न कुछ बोलना है। उनकी हर बात का जवाब देना उचित नहीं होता। हां उनसे एक बात यह जरूर कहूंगा कि वह प्रधानमंत्री के पास पैसा रुकवाने के लिए नहीं जाएं, बल्कि उन्होंने 1500 करोड़ की जो घोषणा की, उस दिलाने जाएं। दिल्ली जाकर मिलते हैं और कहते हैं कि इसमें भी कट उसमें भी कट लगाएं। पीएमजीएसवाई 4 के जो पैसे स्वीकृत हैं, वह अभी तक नहीं मिले। उसे भी रुकवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश सरकार के साथ ही प्रदेश की जनता से भी अन्याय कर रहे हैं।
5 गुटों में बंटी भाजपा, सबके अपने-अपने सिद्धांत
मुख्यमंंत्री ने कहा कि प्रदेश भाजपा अलग ही दिशा में चली हुई है और 5 गुटों में बंटी हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल भाजपा का कोई नीतिगत सिद्धांत नहीं रहा है। आलम यह है कि सभी पांचों गुटों के अपने सिद्धांत बन गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है।
बागवानों के मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाया जाएगा
सीएम ने कहा कि भाजपा की सरकार जब से केंद्र में बनी है, तब से हिमाचल के साथ अन्याय हो रहा है। न्यूजीलैंड के सेब पर जो आयात शुल्क कम किया गया है, उससे हिमाचल के बागवानों को नुक्सान होगा। ऐसे में उन्होंने केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बागवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए वह यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष प्रमुखता से उठाएंगे।