Edited By Kuldeep, Updated: 06 Jan, 2025 08:27 PM
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बीडीसी सदस्यता के निलंबन के खिलाफ दायर याचिका में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने पंचायती राज विभाग के सचिव और निदेशक सहित जिलाधीश कांगड़ा से 4 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।
शिमला (मनोहर): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बीडीसी सदस्यता के निलंबन के खिलाफ दायर याचिका में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने पंचायती राज विभाग के सचिव और निदेशक सहित जिलाधीश कांगड़ा से 4 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। कांगड़ा जिले के लम्बागांव खंड की गंदड़ बरड़ाम की पंचायत समिति सदस्य प्रार्थी सुषमा देवी पर मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाले फेरीवालों से कथित तौर पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप है। इस आरोप को आधार बनाते हुए 5 दिसम्बर 2024 को जिलाधीश कांगड़ा के आदेशों के बाद याचिकाकर्त्ता को निलंबित कर दिया गया था।
आरोप है कि बीडीसी सदस्य सुषमा देवी ने गांव में आए फेरीवालों को हिमाचल में न आने की हिदायत दी थी और साथ ही उन्हें जय श्रीराम के नारे लगाने के लिए कहा था। फेरीवालों ने इसका विरोध किया था और कुछ वार्तालाप हुआ। इस वार्तालाप का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद फेरीवालों ने पुलिस चौकी आलमपुर में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
मामले की जांच बीडीओ द्वारा अमल में लाई गई और बीडीओ की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए डीसी कांगड़ा ने पंचायत समिति सदस्य को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था। महिला सदस्य ने अपना जवाब भी दे दिया था लेकिन कथित तौर पर पंचायत समिति सदस्य का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। आरोप है कि पंचायत पदाधिकारी होने के बावजूद उक्त ब्लॉक डिवैल्पमैंट कमेटी सदस्य ने अपने कर्त्तव्य का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया है। अतः डीसी कांगड़ा ने पंचायती राज अधिनियम के तहत बीडीसी सदस्य सुषमा देवी को निलंबित कर दिया। इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।