Edited By Vijay, Updated: 30 Jul, 2025 06:08 PM

पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिख कर हिमाचल के इतिहास की सबसे भयंकर आपदा पर विशेष राहत सहायता का आग्रह किया है।
पालमपुर (भृगु): पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिख कर हिमाचल के इतिहास की सबसे भयंकर आपदा पर विशेष राहत सहायता का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जिस हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं, वह हिमाचल इतिहास की सबसे भयंकर आपदा से तड़प रहा है, झटपटा रहा है। सैंकड़ों लोग मर चुके हैं, हजारों घायल हो गए हैं। सैंकड़ों सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं। पानी की योजनाएं बर्बाद हो गई हैं। उन्होंने कहा कि इस आपदा की कहानी अखबार में पढ़ते-पढ़ते दिल दहल जाता है और रूह भी कांप जाती है।
पत्र में कुछ यूं रखा पक्ष
शांता कुमार ने लिखा है कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार और जनता की सहायता से हिमाचल प्रदेश के लोगों को राहत पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है परन्तु यह सब सहायता ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर भी नहीं है। बर्बादी में छटपटाते जीवन को रास्ते में लाने के लिए बहुत अधिक सहायता की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। शांता ने कहा है कि भारत सरकार के पास लगभग 2 लाख करोड़ रुपए लावारिस व्यक्तियों के वर्षों से पड़े हुए हैं। किसी ने पैसा जमा करवाया, कुछ समय के बाद उनकी मृत्यु हो गई। उसके परिवार में कोई कानूनी वारिस नहीं था। वर्षों से किसी ने उस धन पर दावा नहीं किया। इस प्रकार का लावारिस धन लगभग 2 लाख करोड़ रुपए वर्षों से भारत सरकार के पास पड़ा है।
शांता ने लिखा है कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के बैंकों में इस प्रकार 42,270 करोड़ रुपए, डाकघर में 32,273 करोड़ रुपए, ईपीएफ खातों में 8500 करोड़ रुपए और भारतीय जीवन बीमा निगम कम्पनियों में 20,062 करोड़ रुपए जमा हैं। इस प्रकार की और भी बहुत-सी संस्थाओं का लावारिस धन भारत सरकार के पास पड़ा है। यह कुल धन लगभग 2 लाख करोड़ रुपए कई वर्षों से भारत सरकार के पास पड़ा हुआ है। इस धन को वापस लेने के लिए अब परलोक से कभी कोई नहीं आएगा। यह धन भारत का है। भारत सरकार को इस धन के सदुपयोग करने के लिए कानून बनाना चाहिए।
शांता ने इस पत्र द्वारा यह सुझाव दिया है कि सरकार एक कानून बनाए, जिसके अनुसार इस धन का उपयोग राष्ट्रीय आपदा में किया जा सके। हिमाचल प्रदेश की इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। इस 2 लाख करोड़ रुपए में से कम से कम 20 हजार करोड़ रुपए हिमाचल प्रदेश सरकार को आपदा राहत के लिए दिए जाएं। शांता कुमार ने प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र की प्रति मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेज कर आग्रह किया कि वे भी इस संबंध में प्रधानमंत्री से मिल कर राहत सहायता की मांग करें।