8 सालों में नहीं बन सका स्कूल भवन, एक ही कमरे में लगती है पांच कक्षाएं

Edited By kirti, Updated: 08 Mar, 2020 11:47 AM

school building could not be constructed in 8 years

हाल ही में अपने बजट भाषण में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में केरल के बाद हिमाचल प्रदेश का दूसरा नंबर का दावा मुख्यमंत्री ने किया था। लेकिन यह सारे दावे जब धरातल में जाकर देखे जाए तो पूरी तरह से फेल नजर आते हैं। करसोग तहसील, उप तहसील पांगना के...

करसोग (धरमवीर गौतम) : हाल ही में अपने बजट भाषण में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में केरल के बाद हिमाचल प्रदेश का दूसरा नंबर का दावा मुख्यमंत्री ने किया था। लेकिन यह सारे दावे जब धरातल में जाकर देखे जाए तो पूरी तरह से फेल नजर आते हैं। करसोग तहसील, उप तहसील पांगना के अंतर्गत प्रेसी पंचायत में स्थित प्राथमिक शाला के मासूम बच्चे पिछले 8 सालों से ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर है।

हालांकि इस पाठशाला की शुरूआत 1952 में हुई थी। इसके लिए 2012 में नया भवन स्वीकृत हुआ था। लेकिन 2012 में शुरू हुआ स्कूल भवन निर्माण का कार्य अधुरा पड़ा हुआ है। भवन तो तैयार हो गया है लेकिन उसमें न पेंट हुआ है, न खिड़की और दरवाजे ही लगे हैं। मजबूरी वश बच्चे पूराने जर्जर हो चुके भवन में बैठने के लिए मजबूर है। स्कूल भवन छोटा होने के चलते स्कूल का दफ्तर और पांच कक्षाओं के बच्चे एक साथ बैठने के लिए मजबूर है। 

शनिवार को स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में परिजनों ने इस पर चर्चा की है और अधिकारियों से गुहार लगाई है कि वह जल्द से जल्द स्कूल भवन का कार्य पूरा करें, ताकि उनके बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो सके। इससे पहले बहुत बार पंचायत प्रधान, खंड शिक्षा अधिकारी और जिलाधीश से इस भवन को पूरा करने की मांग की जा चुकी है। लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। स्कूल का यह कार्य पूर्व प्रधान के कार्यकाल में हुआ था, वर्तमान प्रधान का समय भी पांच साल पूरे होने वाले है। लेकिन किसी से यह कार्य पूरा नहीं हो पाया है। 
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स्कूल मैनेंजमेट कमेटी की प्रधान रमा देवी ने दुख जताते हुए बताया है कि पंचायत के अंतर्गत यह कार्य शुरू किया गया था, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। कई बार पंचायत प्रधान को इस से अवगत करवाया जा चुका है लेकिन वह लारे पर लारे लागे जा रहे हैं। हमारे बच्चे कहां जाएंगे, ठंड और बारिश का मौसम है। बच्चों की हमेशा चिंता लगी रहती है। कई अधिकारियों को समस्या बता चुके हैं, परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई है। 

बैठक में केहर सिंह, संतराम, पूर्णचंद, मोहनलाल, रमा देवी, रचना देवी, सरला देवी, प्रेमी देवी, सरला देवी, दसोदा देवी, सीता देवी, मीना कुमारी और बिंद्रा देवी आदि ने भाग लिया। उन्होंने संयुक्त रूप से भवन निर्माण में हो रही देरी के प्रति रोष जाहिर किया है। अगर जल्द से समस्या हल नहीं की गई तो ग्रामीण संघर्ष के लिए मजबूर हो जाएंगे।
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सरला और रचना देवी का कहना है ठंड और बारिश के कारण बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। पहले ही कई किलोमीटर दूर से पैदल चल कर बच्चे स्कूल पहुंचते हैं और बाद में यहां पर इनको बैठने तक का उचित स्थान नहीं मिल पाता। अब की बार इतनी अधिक ठंड पड़ी थी, मजबूरी में बच्चों को भेजना पड़ता है। यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। पंचायत प्रधान से कई बार इस बारे में गुहार लगाई है लेकिन वह सुनवाई नहीं कर रही है।

मंडी शिक्षा विभाग सीनियर असीस्टेंट भवन निर्माण प्रभारी शीतल शर्मा ने बताया कि पंचायत से हमारे पास इसके बारे में कोई मांग नहीं आई है। यह कार्य हमारे द्वारा नहीं हुआ है। अगर पंचायत इसके लिए हमारे पास शिकायत भेजती है तो हम इसके बारे में जिलाधीश से निवेदन कर सकते हैं।
 

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