Chamba: पंचायत के विकास कार्याें में घोटालों का पर्दाफाश! प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी

Edited By Vijay, Updated: 11 Jul, 2025 12:43 PM

scams in panchayat development works exposed show cause notice to pradhan

हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के तीसा विकास खंड स्थित ग्राम पंचायत थनेईकोठी में हुए विकास कार्याें में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है। इसके चलते डीसी चम्बा ने प्रधान कुलदीप सिंह काे कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

तीसा (सुभान दीन): हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के तीसा विकास खंड स्थित ग्राम पंचायत थनेईकोठी में हुए विकास कार्याें में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है। इसके चलते डीसी चम्बा ने प्रधान कुलदीप सिंह काे कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रधान को 15 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 (1)ग के तहत एकतरफा कार्रवाई की जाएगी। प्रधान पर लगे आरोपों की जांच खंड विकास अधिकारी तीसा द्वारा की गई थी और जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद ये आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए हैं। 

कैसे सामने आया मामला
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता नसरुल्ला ने प्रधान कुलदीप सिंह के खिलाफ कई विकास कार्यों में वित्तीय और प्रक्रियागत अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर खंड विकास अधिकारी तीसा ने एक जांच टीम के साथ संबंधित पंचायत में गहन जांच-पड़ताल की। जांच के दौरान शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित हुए और ग्राम पंचायत थनेईकोठी के प्रधान को इन अनियमितताओं के लिए पूरी तरह से दोषी पाया गया है।

जांच रिपोर्ट में सामने आईं ये अनियमितताएं
जांच समिति ने कुल 11 निर्माण कार्यों की पड़ताल शुरू की, जिसमें से 8 कार्यों का भौतिक निरीक्षण और तकनीकी पुनर्मूल्यांकन किया गया। जांच के दाैरान निर्माण कार्यों की मापन पुस्तिका में दर्ज प्रविष्टियां कार्यस्थल पर मौजूद वास्तविक स्थिति से मेल नहीं खाती थीं। आवश्यकता का सही आकलन किए बिना भारी मात्रा में निर्माण सामग्री खरीदी गई़़, जिसे न तो स्टॉक रजिस्टर में दर्ज किया गया और न ही  कार्यों के लिए विधिवत जारी किया गया। कई मामलों में खरीदी गई सामग्री का उपयोग या तो हुआ ही नहीं या केवल आंशिक रूप से किया गया। लेखा-जोखा रखने, आयतन की गणना और अभिलेखों के रखरखाव में गंभीर लापरवाही पाई गई।

8 प्रमुख कार्यों में पाई गई अनियमितताएं
पाइपलाइन (नीला गोठ से सौण्डा) 
इस कार्य के लिए 7,34,894 रुपए स्वीकृत हुए थे, जिनमें से 6,51,24 रुपए खर्च किए गए। इसमें 2,38,764 रुपए मजदूरी और 4,12,483 रुपए सामग्री पर खर्च हुए। तकनीकी प्राकलन में मजदूरी के लिए 2,74,559 रुपए और सामग्री के लिए 4,60,334 रुपए का प्रावधान था। मापन पुस्तिका की प्रविष्टियों और वास्तविकता में भारी अंतर पाया गया। सामग्री का न तो स्टॉक रजिस्टर में इंद्राज था और न ही कार्यस्थल पर स्टोर में वह उपलब्ध थी। प्रधान को इसके लिए पूर्ण रूप से दोषी पाया गया है।

मुर्गा शैड (मुस्ताक मुहम्मद सौण्डा) 
मद मनरेगा के अंतर्गत इस कार्य के लिए 75,028 रुपए स्वीकृत हुए थे। पंचायत द्वारा इस कार्य के लिए मजदूरी पर 33,920 और सामग्री पर 30,600 रुपए खर्च किए गए। जांच के दाैरान खरीदी गई सामग्री का स्टॉक इंद्राज नहीं था और न ही सामग्री मौके पर पाई गई। यह निर्माण कार्य व्यक्तिगत लाभ के लिए किसी व्यक्ति विशेष के नाम से स्वीकृत हुआ था, जिसके लिए खरीदी गई सामग्री को स्टॉक में दर्ज किए बिना सीधे लाभार्थी के नाम जारी करना आवश्यक था, जो नहीं किया गया।

सिंचाई टैंक (तेज सिंह सपरोठ) 
मनरेगा मद में इस कार्य के लिए 99,396 रुपए स्वीकृत हुए थे।, जिसमें मजदूरी पर 16,443 और सामग्री पर 54,545 रुपए खर्च किए गए। तकनीकी प्राकलन में मजदूरी के लिए 31,299 और सामग्री के लिए 68,097 रुपए का प्रावधान था। तकनीकी जांच और पुनर्मूल्यांकन में केवल शून्य रुपए की सामग्री और 12,169 रुपए की मजदूरी खर्च की पुष्टि हुई।

पक्का रास्ता (कटेला सेरू) 
मनरेगा मद के अंतर्गत इस कार्य के लिए 2,95,229 रुपए स्वीकृत हुए थे। इस कार्य के लिए पंचायत द्वारा 2,10,056 रुपए खर्च किए गए, जिसमें मजदूरी पर 75,954 और सामग्री पर 1,34,102 रुपए खर्च हुए। तकनीकी प्राकलन व खर्च की गई राशि में काफी असमानताएं पाई गई है। यही नहीं, निर्माण कार्य पर सामग्री व लेबर पर खर्चा 90 प्रतिशत हो चुका है, लेकिन इस सामग्री का न ताे स्टॉक रजिस्टर में इन्द्राज था और न ही कार्यस्थल पर उपलब्ध पाई गई।

पाइपलाइन (बसुआ से कुंडोला)
इस कार्य में श्रम और सामग्री को लेकर कई विसंगतियां पाई गईं। जांच में 1,29,974 रुपए की अनियमितता सामने आई, जिसे प्रतिनिधियों से वसूलने योग्य बताया गया है।

इंटरलॉक टाइल (बसुआ)
इस कार्य में मजदूरी और सामग्री को लेकर गंभीर अनियमितताएं मिलीं। सामग्री न तो स्टॉक रजिस्टर में दर्ज थी और न ही कार्यस्थल पर उपलब्ध थी। इस कार्य में 1,78,340 रुपए की गड़बड़ी पाई गई है।

ड्रेन (शुकयानी)
इस कार्य के लेकर की गई शिकायत भी सही पाई गई, जिसमें 1,07,180 रुपए की गड़बड़ी सामने आई है।

पक्का रास्ता (मेन रोड से शनेडा मंदिर)
जांच में कार्यस्थल पर हुए कार्य और प्राकलन में काफी अंतर पाया गया। इस कार्य में 3,00,258 रुपए की गड़बड़ी पाई गई है।

विवाद के चलते 3 कार्यों की नहीं हाे पाई जांच
जांच समिति ने बताया कि तीन विकास कार्यों की जांच नहीं हो पाई, क्योंकि कार्यस्थल पर शिकायतकर्ताओं और बचाव पक्ष के कुछ लोगों के बीच विवाद और तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। इस कारण इन तीन निर्माण कार्यों का भौतिक निरीक्षण और तकनीकी पुनर्मूल्यांकन नहीं किया जा सका।

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