Edited By Vijay, Updated: 21 Dec, 2024 05:51 PM
संजौली मस्जिद के अवैध ढांचे को गिराने के मामले पर शनिवार को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें मस्जिद की 3 मंजिलों को गिराने के लिए मस्जिद कमेटी ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है।
शिमला (वंदना): संजौली मस्जिद के अवैध ढांचे को गिराने के मामले पर शनिवार को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें मस्जिद की 3 मंजिलों को गिराने के लिए मस्जिद कमेटी ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है। कोर्ट ने कनिष्ठ अभियंता की ओर से पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट को स्टडी करने के बाद मामले पर 15 मार्च को अगली सुनवाई रखी है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को शेष बचे अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए करीब अढ़ाई माह का अतिरिक्त समय मिल गया है। अगली सुनवाई 15 मार्च को तय की गई है। सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड संजौली मस्जिद की जमीन के मालिकाना अधिकार को लेकर कोर्ट के समक्ष राजस्व रिकाॅर्ड पेश नहीं कर पाया है। इसके लिए रिकाॅर्ड में संशोधन करवाने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है।
अभी तक अवैध मंजिलों को तोड़ने का 50 फीसदी कार्य ही पूरा
नगर निगम कनिष्ठ अभियंता की ओर से इस मामले पर स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की है। इसमें बताया गया कि अभी तक 3 अवैध मंजिलों को तोड़ने का 50 फीसदी कार्य ही पूरा हुआ है, जबकि 50 प्रतिशत कार्य अभी शेष रहता है। इसे पूरा करने के लिए मस्जिद कमेटी ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है। वहीं मस्जिद की निचले 2 फ्लोर की वैधता मामले को लेकर भी कोर्ट में सुनवाई हुई है। इसमें जमीन किसकी है, इसको लेकर भी कोई रिकाॅर्ड कोर्ट के समक्ष सौंपा नहीं गया है। वक्फ बोर्ड के वकील ने कोर्ट में कहा कि रैवेन्यू करैक्शन को लेकर रैवेन्यू एजैंसी के पास अर्जी दी गई है। इसलिए जमीन का रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा है। कोर्ट ने 15 मार्च तक का समय दिया है।
3 अवैध मंजिलें तोड़ने के हैं आदेश
नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने 5 अक्तूबर को संजौली मस्जिद के ऊपरी तीन मंजिलों को तोड़ने के आदेश दिए थे। इसमें कोर्ट ने 20 दिसम्बर तक समय मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड को दिया था। इन आदेशों के तहत मस्जिद कमेटी को अपने खर्चे पर अवैध निर्माण तोड़ना है। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ का कहना है कि कमेटी कोर्ट के आदेशों की पालना कर रही है। इसके लिए कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा गया है। शनिवार को आयुक्त कोर्ट में शहर में अवैध निर्माण के 50 मामलों पर सुनवाई हुई।
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