Edited By Kuldeep, Updated: 09 Jun, 2025 08:53 PM

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को किन्नौर जिला के शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने परियोजना के विद्युत गृह स्थल कड़छम तथा बैराज स्थल पोवारी का भी निरीक्षण किया।
रिकांगपिओ (किन्नौर) (रिपन): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को किन्नौर जिला के शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने परियोजना के विद्युत गृह स्थल कड़छम तथा बैराज स्थल पोवारी का भी निरीक्षण किया। परियोजना के बैराज स्थल में चल रही विभिन्न निर्माण गतिविधियों की भी जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री ने शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना के इंजीनियरों व कामगारों के साथ परियोजना में चल रही निर्माण गतिविधियों को लेकर संवाद भी किया। मुख्यमत्री ने 450 मैगावाट क्षमता की इस पनबिजली परियोजना को समयबद्ध तरीके से नवम्बर, 2026 तक पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के क्रियाशील हो जाने से प्रदेश को सालाना लगभग एक हजार करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति होगी। इसके अतिरिक्त इस प्रोजैक्ट के बनने से जिला किन्नौर की आर्थिकी में भी बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना विगत 13 वर्ष से निर्माणाधीन है, लेकिन वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष के दौरान इसके निर्माण कार्य में तेजी लाई है तथा इस परियोजना को तय समयावधि में पूरा कर प्रदेश को समर्पित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल में बहता हुआ पानी सोना है जो कि प्रदेश के लोगों का जीवन सम्पन्न कर सकता है तथा हमारी सरकार इसका पूरा सदुपयोग करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने प्रदेश की इस अमूल्य संपदा को लूटने दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार धौलासिद्ध, लुहरी व सुन्नी पन बिजली परियोजनाओं को अपने अधीन लेने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं पर अब तक कुल कितनी राशि व्यय हो चुकी है जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी शर्तों पर पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण कार्यों को आगे बढ़ाएगी ताकि प्रदेश के हितों को सुरक्षित रखा जा सके।
सुक्खू ने कहा कि किन्नौर के टापरी में जियो थर्मल पावर प्रोजैक्ट स्थापित करने की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ रही है। राज्य में सोलर व ग्रीन हाईड्रोजन ऊर्जा उत्पादन कर प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में और उन्नत बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में अक्तूबर से मार्च माह तक प्रदेश सरकार 5 से 6 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है, यह स्थिति तब है जब प्रदेश सरप्लस ऊर्जा राज्य है। इस दौरान सरकार को बिजली न खरीदनी पड़े इसके लिए प्रदेश में सौर उर्जा उत्पादन को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एचपीपीसीएल के माध्यम से प्रदेश में लगभग 626 मैगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश को वर्ष 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य, 2027 तक आत्मनिर्भर राज्य तथा 2032 तक देश का सबसे समृद्ध एवं सशक्त राज्य बनाने के संकल्प के साथ कार्य आरंभ कर दिया है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक आबिद हुसैन सादिक ने शोंगटोग कड़छम जलविद्युत परियोजना में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की जानकारी दी।