Edited By Vijay, Updated: 09 Jul, 2023 11:30 PM
रैड अलर्ट के बीच शनिवार रात्रि व रविवार सुबह से हुई बारिश ने प्रदेश में खूब तबाही मचाई। जहां 17 लोगों को अपनी जान से हाथ धोने पड़े हैं, वहीं 2 दिनों की इस भारी वर्षा ने 240 करोड़ की संपत्ति को नुक्सान पहुंचाया है।
शिमला (संतोष): रैड अलर्ट के बीच शनिवार रात्रि व रविवार सुबह से हुई बारिश ने प्रदेश में खूब तबाही मचाई। जहां 17 लोगों को अपनी जान से हाथ धोने पड़े हैं, वहीं 2 दिनों की इस भारी वर्षा ने 240 करोड़ की संपत्ति को नुक्सान पहुंचाया है। कई जगहों पर बादल फटे, भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध हुए और एक दर्जन पुल बह गए हैं, वहीं लाहौल-स्पीति में बर्फबारी हुई, जबकि प्रदेश के पहाड़ी, मैदानी व मध्यम इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई है। राज्य में 6 हाईवे के अलावा 765 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं। उधर, लाहौल-स्पीति के चंद्रताल में लैंडस्लाइड के बाद सड़क बंद होने से 200 लोग फंस गए। जिला प्रशासन ने इनके सुरक्षित होने का दावा किया है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को यैलो अलर्ट रहेगा, जबकि मंगलवार से मानसून धीमा होगा, जिससे लोगों को राहत मिलने की संभावना है।

ब्यास के साथ पार्वती और तीर्थन नदियां उफान पर, कई गाड़ियां पानी में बहीं
कुल्लू में ब्यास के साथ पार्वती और तीर्थन नदियां भी उफान पर हैं। मंडी शहर में ब्यास नदी कहर बरपा रही है। यहां 5 दर्जन से ज्यादा गाड़ियां पानी के तेज बहाव में बह गईं। कुल्लू के कसौल में भी आधा दर्जन गाड़ियां पानी में बह गईं। मंडी जिला के थुनाग में बादल फटने से मलबा और पानी लोगों के घरों में घुस गया। मंडी जिले में कुल्लू-बंजार-लुहरी-रामपुर को जोड़ने वाला 50 साल पुराना पुल भी ब्यास नदी के तेज बहाव में बह गया है। मंडी के पंडोह में भी सालों पुराना पुल ब्यास के बहाव में बह गया। चंबा के भरमौर क्षेत्र में भी बकानी नाले का पुल रावी नदी के तेज बहाव में बह गया। हरियाणा-हिमाचल को जोड़ने वाला बद्दी के पास बाल्द नदी का पुल ढह गया। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को यैलो अलर्ट रहेगा जबकि मंगलवार से मानसून धीमा होगा, जिससे लोगों को राहत मिलने की संभावना है।
मणिकर्ण घाटी के पुलगा व पिन वैली के कारा में बादल फटे
कुल्लू जिला की मणिकर्ण घाटी के पुलगा में दोपहर बाद बादल फटने से खूब तबाही हुई। वहीं किन्नौर की सीमा से लगते स्पीति क्षेत्र के पिन वैली में कारा नामक स्थान पर बादल फटने से 11 लोगों सहित कई भेड़ें 2 नालों के बीच फंसे गए जबकि पशुपालन विभाग के चार टैंट भी बाढ़ में बह गए। 2 नालों के बीच फंसे 11 लोगों सहित भेड़ों को सुरक्षित निकलने के लिए नायब तहसीलदार समेत रिकांगपिओ से आईटीबीपी, होमगार्ड सहित पुलिस के जवानों को घटना पर रवाना कर दिया गया है।
यहां हुई मौतें, लोग बने काल का ग्रास
शिमला के उपमंडल कुमारसैन के कोटगढ़ की मधावनी पंचायत के पानेवली गांव में मकान पर मलबा गिरने से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत और 2 घायल हो गए। जिला किन्नौर के तांगलिंग में शनिवार देर शाम घूमने आए एक पर्यटक की तांगलिंग खड्ड में गिरने से मौत हो गई है। ठियोग में धमांदरी के बागड़ा गांव में घर पर लैंडस्लाइड से मां-बेटे की मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने मृतक सोनू और कांता के शव मलबे से निकाल दिए हैं। शिमला के साथ लगते रझाणा में भी दोपहर बाद लैंड स्लाइड से एक युवती की मौत हो गई, जबकि एक बुजुर्ग महिला का सुराग नहीं लग पाया और सर्च ऑप्रेशन जारी है। कुल्लू जिला के लंकाबेकर गांव में एक महिला, चंबा जिला के काकियान में स्थानीय व्यक्ति व शिमला के जुब्बल में एक नेपाली व्यक्ति की लैंडस्लाइड से मौत हो गई। लाहौल के छतड़ू में 3 लोग बह गए हैं जबकि पतलीकूहल में एक व्यक्ति की बहने से मौत हो गई। श्रीखंड यात्रा के दौरान लापता हुए 2 लोगों की जान चली गई है। यहां अब तक 4 लोग काल का ग्रास बन चुके हैं।
मंडी में ब्यास नदी ने 28 साल बाद दिखाया रौद्र रूप
मंडी शहर में ब्यास नदी ने करीब 28 साल बाद फिर रौद्र रूप दिखाया है। 2 दिन से लगातार हो रही बारिश ने ब्यास नदी के जलस्तर में इजाफा कर दिया है। करीब 10 घंटे से अधिक समय से ब्यास नदी पंडोह से लेकर मंडी शहर और आगे खतरे के निशान से करीब 10 फुट ऊपर बहती रही। बढ़े हुए जलस्तर से नदी किनारे रह रहे लोगों में दहशत है। प्रदेश में बारिश आफत बनकर बरस रही है। लगातार बारिश के चलते पंडोह डैम में भारी संख्या में पानी छोड़ा जा रहा है। इससे ब्यास नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। स्थानीय निवासियों की मानें तो 28 साल पहले 1995 में ब्यास नदी में इतना अधिक पानी देखने को मिला था। ब्यास और सकोडी खड्ड के तट पर बना ऐतिहासिक पंचवक्त्र महादेव मंदिर जलमग्न हो गया है, वहीं हनुमान घाट के चारों ओर भी पानी का जलभराव हो गया है। पंचवक्त्र महादेव के साथ लगती पार्किंग पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। वहीं पुल भी बह गया है।
बद्दी को हरियाणा से जोड़ने वाला पुल ढहा
हरियाणा से हिमाचल को जोड़ने वाला मढ़ावाला पुल गिरने से बद्दी की फार्मा इंडस्ट्री पर इसका इम्पैक्ट पड़ेगा। इसके बाद हरियाणा-चंडीगढ़ से बद्दी पहुंचने के लिए वाया चंडीगढ़-सिसवां होकर या फिर वाया कालका से कालू झंडा होकर आना होगा। इन दोनों रूट पर 10 से 12 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना होगा।
शिमला में 5 साल बाद हुई रिकाॅर्ड बारिश
शिमला में 5 साल बाद जुलाई में एक दिन के दौरान झमाझम बारिश हुई है। 79 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। इससे पहले साल 2018 में 118 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी। ऊना में वर्ष 1993 के बाद 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है। वर्ष 1993 में 188 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इस बार 166 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है।
एचआरटीसी के 806 बस रूट प्रभावित
भारी बारिश के कारण प्रदेश में एचआरटीसी समेत निजी बसों के पहिए थम गए। इसके कारण प्रदेशभर में यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है। एचआरटीसी मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेशभर में एचआरटीसी के 806 बस रूट प्रभावित हुए हैं। इन रूटों पर बसें नहीं चल पाईं, ऐसे में प्रदेश के हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, वहीं जगह-जगह भूस्खलन के कारण एचआरटीसी की 403 बसें फंस गई हैं। भारी बारिश को देखते एचआरटीसी प्रबंधन ने चालक-परिचालकों से आग्रह किया है कि सावधानी पूर्वक बसें चलाएं, ताकि किसी प्रकार का हादसा पेश न आए, वहीं एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से चालक-परिचालकों के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है।
बारिश से जलशक्ति व लोक निर्माण विभाग को अधिक नुक्सान
राज्य में पिछले 24 घंटों में बारिश से 11 मकानों को पूरी तरह से क्षति पहुंची है जबकि 20 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 3 वाहनों को नुक्सान हुआ हैं और एक होटल भवन भी क्षतिग्रस्त हुआ है। भूस्खलन की 20, बाढ़ की 17, आग लगने की 2 व वाटर लाजिंग की 15 से 20 घटनाएं हुई हैं। मंडी-कुल्लू एनएच-21, लाहौल-स्पीति का एनएच-505 ग्रांफू, स्टेट हाईवे तांदी व कंडू नाला के पास, कुल्लू में एनएच-03 कुल्लू-मनाली व कुल्लू में एनएच-305 ऑट से जलोड़ी रोड़ भूस्खलन से बंद पड़ा हुआ है। अब तक मानसून की बारिश से 54 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 92 घायल हो चुके हैं। जलशक्ति विभाग को 127.20, लोक निर्माण विभाग को 204.04, विद्युत बोर्ड को 0.92, बागवानी विभाग को 26.22 व अर्बन डिवैल्पमैंट को 0.38 करोड़ की चपत लग चुकी है।
हिमाचल में खराब मौसम से उपजे हालातों पर केंद्र की पूरी नजर : अनुराग
केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश व बाढ़ से बनी परिस्थियों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव ङ्क्षबदल से फोन पर बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया तथा कहा कि केंद्र सरकार बरसात से उपजे हालातों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। उन्होंने सरकार को हर संभव सहायता करने का भी आश्वासन दिया।
नदी-नालों, पहाड़ों, चट्टानों और जर्जर पेड़ों से दूर रहें लोग : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले और खड्डें सभी उफान पर हैं। लोगों को विशेष काम होने पर ही घरों से बाहर निकलना चाहिए ताकि वे सभी सुरक्षित रह सकें। उन्होंने कहा कि जनता की सुविधा के लिए प्रशासन को भी अलर्ट रहने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से पहले उससे सरलता से निपटा जा सके।
पर्यटकों व अन्य लोगों की मदद करें कांग्रेस कार्यकर्ता : शुक्ला
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने ट्वीट किया है कि बारिश की वजह से रास्ते अस्त-व्यस्त हैं और राज्य सरकार पूर्ण प्रयास कर सबकी मदद कर रही है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताअरें से निवेदन किया है कि वे घरों से निकलकर पर्यटकों व अन्य लोगों की मदद करें।
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