Edited By Vijay, Updated: 13 Dec, 2024 11:47 AM
कानून का रखवाला ही जब कानून तोड़ दे तो न्याय का तराजू अपना काम करता है। मंडी की विशेष अदालत ने चरस रखने के मामले में पुलिस कांस्टेबल गौरव वर्मा ऊर्फ काकू को दोषी ठहराते हुए 3 साल के कठोर कारावास और 25,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
मंडी: कानून का रखवाला ही जब कानून तोड़ दे तो न्याय का तराजू अपना काम करता है। मंडी की विशेष अदालत ने चरस रखने के मामले में पुलिस कांस्टेबल गौरव वर्मा ऊर्फ काकू को दोषी ठहराते हुए 3 साल के कठोर कारावास और 25,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को 6 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं कोर्ट ने 2 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
मामला 25 फरवरी, 2016 का है, जब बल्ह पुलिस को सूचना मिली कि जंगलबैरी बटालियन में तैनात कांस्टेबल गौरव वर्मा अपनी बाइक (एचपी 86-5050) पर चरस लेकर जा रहा है। एसएचओ संजीव सूद के नेतृत्व में पुलिस ने गुटकर के पास नाका लगाया और जांच के दौरान कांस्टेबल के कब्जे से 1.003 किलोग्राम चरस बरामद की।
गौरव वर्मा की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने सह आरोपित कश्मीर सिंह और संजय कुमार का नाम लिया, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन उनके कब्जे से मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ। जांच पूरी होने के बाद मामले का चालान अदालत में पेश कियाग। अभियोजन पक्ष ने मामले में 24 गवाह पेश किए, जिनके बयान और सबूतों के आधार पर अदालत ने गौरव वर्मा को दोषी ठहराया, जबकि सह आरोपित कश्मीर सिंह और संजय कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। इस मामले में जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने पैरवी की।
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