Shimla: पॉलिसी में बदलाव की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर गरजे जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्ज

Edited By Vijay, Updated: 06 Sep, 2024 06:40 PM

para workers of jal shakti department

जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्ज अपनी पॉलिसी को 8 से घटाकर 5 वर्ष करने की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर गरजे। चौड़ा मैदान में एकत्रित हुए जल शक्ति विभाग पैरा कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने विधानसभा की ओर कूच किया...

शिमला (संतोष): जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्ज अपनी पॉलिसी को 8 से घटाकर 5 वर्ष करने की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर गरजे। चौड़ा मैदान में एकत्रित हुए जल शक्ति विभाग पैरा कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने विधानसभा की ओर कूच किया, लेकिन पुलिस ने यहां बैरिकेडिंग कर दी और पैरा वर्कर्ज यहीं पर बैठकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे। जल शक्ति विभाग में पैरा वर्कर वर्ष 2017, 2019, 2020, 2021 व 2022 में रखे गए थे और पैरा वर्करों ने 2020 व 2021 में कोरोना काल के समय और वर्ष 2023 में आई आपदा में भी सबसे ज्यादा योगदान दिया है।

ये हैं मुख्य मांगें
पैरा कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक प्रवीण शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष अमन शर्मा, महासचिव उपनेश डोगरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंकुश कुमार, बहुउद्देश्यीय कर्मचारी अध्यक्ष बॉबी सेन और बहुउद्देश्यीय महिला कर्मचारी अध्यक्ष मीरा आदि ने कहा कि उनकी मुख्य मांगों में विभाग में पैरा वर्कर्ज को 8 वर्ष में नियमित करने का प्रावधान है, लेकिन महंगाई व लंबे समय को देखते हुए इसे घटकर 5 वर्ष किया जाए और 5 वर्ष पूर्ण होने पर नियमित किया जाए। विभाग में लगे पैरा वर्कर्ज को कोटे के आधार पर नियुक्ति दी जा रही है, जिसे पूर्ण रूप से हटाया जाए तथा समान अधिकार सभी पैरा वर्कर्ज को दिए जाएं। विभाग में लगे पैरा वर्कर्ज को न के बराबर वेतन दिया जा रहा है और इस महंगाई में परिवार के एक सदस्य का गुजारा तक नहीं हो पा रहा है, इसलिए न्यूनतम वेतनमान लागू किया जाए। पैरा वर्कर्ज को किसी भी प्रकार से कोई भी छुट्टी नही दी जाती है, इसलिए छुट्टी का प्रावधान किया जाए और विभाग द्वारा उन्हें 6 घंटे के लिए लिया था, लेकिन उनसे 8 से 10 घंटे ड्यूटी ली जा रही है, जिसे 8 घंटे किया जाए।

क्या बोले मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष 
मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अमन शर्मा ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि सभी पैरा वर्कर्ज के बीच में 25 फीसदी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 40 वर्ष से ऊपर हो चुकी है। 20 प्रतिशत ऐसी महिलाएं हैं, जिनके पतियों की दुर्भाग्य से मृत्यु हो चुकी है और अन्य सभी पैरा वर्कर्ज  के ऊपर घर की जिम्मेदारी है, इसलिए इन बातों को देखते हुए मोर्चा सरकार से निवेदन करता है कि जल्द से जल्द उनकी पॉलिसी में बदलाव किए जाएं, ताकि वे अपने परिवार को एक अच्छा जीवन दे सकें।
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