Edited By Kuldeep, Updated: 15 Dec, 2025 05:46 PM

शिमला की बहुचर्चित संजौली मस्जिद विवाद में सोमवार को एक बार फिर सियासी और सामाजिक सरगर्मी तेज हो गई।
शिमला (अम्बादत): शिमला की बहुचर्चित संजौली मस्जिद विवाद में सोमवार को एक बार फिर सियासी और सामाजिक सरगर्मी तेज हो गई। अवैध निर्माण हटाने की मांग को लेकर हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न हिंदू संगठनों ने शिमला नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। संगठनों ने मस्जिद की निचली दो मंजिलों को छोड़कर ऊपरी हिस्से को अवैध बताते हुए उसे तत्काल हटाने की मांग की है। हिंदू संघर्ष समिति ने नगर निगम को प्रस्ताव दिया कि यदि वक्फ बोर्ड और नगर निगम अवैध हिस्से को हटाने में असमर्थ है, तो समिति स्वयं निःशुल्क श्रमदान कारसेवा के लिए तैयार हैं।
समिति के नेताओं ने कहा कि न्यायालय के आदेशों का पालन सुनिश्चित करना नगर निगम की जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समिति के सदस्य मदन ठाकुर ने कहा कि अवैध निर्माण हटाने की अंतिम तिथि 29 दिसम्बर निर्धारित की गई है। ऐसे में नगर निगम को चाहिए कि वह न्यायालय के आदेशों का पालन कराए और पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट मंगवाकर उसे सार्वजनिक करे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून का समान रूप से पालन नहीं हो रहा है और अवैध निर्माण को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। मदन ठाकुर ने कहा कि यदि वक्फ बोर्ड, मस्जिद कमेटी और नगर निगम अवैध हिस्सा हटाने में सक्षम नहीं हैं, तो हिंदू संघर्ष समिति निशुल्क कारसेवा के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने यह भी कहा कि समिति आंदोलन के साथ-साथ जन जागरण अभियान भी चलाएगी। वहीं समिति के एक अन्य सदस्य विजय शर्मा ने कहा कि अवैध हिस्से को हटाने की समय सीमा 29 दिसम्बर को समाप्त हो रही है। समिति ने इस संबंध में नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंप दिया है। उन्होंने मांग की कि नगर निगम जल्द से जल्द स्टेटस रिपोर्ट कॉल कर उसे सार्वजनिक करे। विजय शर्मा ने कहा कि यदि धन या मजदूरों की कमी आड़े आ रही है, तो समिति के सदस्य निःशुल्क श्रमदान कर अवैध निर्माण हटाने को तैयार हैं। हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि तय समय सीमा के भीतर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।