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बिना नोटिस नौकरी से निकालने पर फूटा आऊटसोर्स कर्मचारियों का गुस्सा, अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन

Edited By Vijay, Updated: 05 Mar, 2023 12:13 AM

outsourced employees hold protest

जल शक्ति विभाग बड़सर में पिछले 4 वर्षों से विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे 46 आऊटसोर्स कर्मचारी बिना किसी नोटिस के नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने पर बिफर पड़े हैं। शनिवार को गुस्साए कर्मचारियों ने विभाग के मंडल कार्यालय के बाहर अर्धनग्न होकर...

बिझड़ी (सुभाष): जल शक्ति विभाग बड़सर में पिछले 4 वर्षों से विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे 46 आऊटसोर्स कर्मचारी बिना किसी नोटिस के नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने पर बिफर पड़े हैं। शनिवार को गुस्साए कर्मचारियों ने विभाग के मंडल कार्यालय के बाहर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। उन्होंने नियोक्ता कंपनी के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। 3000 और 3500 रुपए मासिक वेतन पाने वाले ये कर्मचारी अपनी रोजी रोटी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इन कर्मचारियों को अगस्त, 2022 से जनवरी, 2023 तक का वेतन भी नहीं मिला है। कर्मचारी इतने न्यूनतम वेतन पर इस आशा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे थे कि एक न एक दिन उनके लिए सरकार कोई स्थायी नीति अवश्य बनाएगी, लेकिन सरकार ने उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

मनरेगा मजदूरों से भी कम था वेतन
बता दें कि पूर्व सरकार के समय में वर्ष 2019 में एक प्राइवेट आऊटसोर्स कंपनी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग के उपमंडलों में बेलदार, फिटर और पंप ऑप्रेटर के पदों पर इन कर्मचारियों को नियुक्ति दी गई थी। पिछले 4 सालों से एक मनरेगा मजदूर की दिहाड़ी से भी कम दरों पर 3000 और 3500 रुपए मासिक वेतन पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। प्राइवेट कंपनी द्वारा तो इन कर्मचारियों का शोषण किया ही गया, लेकिन अब सरकार ने भी इनके अरमानों पर पानी फेर दिया है।

बिना पूर्व सूचना के मोबाइल पर भेज दिए आदेश
उक्त 46 आऊटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोरोना काल में भी दिन-रात अपनी सेवाएं दी हैं और आज तक इतने कम वेतन पर अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं लेकिन अब हमें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, जिसके कारण उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। नौकरी से निष्काषित कर्मचारियों विजय कुमार, पंकज कुमार, राज कुमार, सुरेन्द्र पटियाल, मनीष कुमार सहित अन्य ने बताया कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के काम पर न आने के आदेश मोबाइल पर भेज दिए गए हैं जबकि विभाग के पास उनका पिछला वेतन बकाया है। इस बाबत उन्होंने अपने कपड़े उतार कर प्रदर्शन करते हुए अधिशासी अभियंता के कार्यालय में अपनी मांग भी रखी और मुख्यमंत्री तथा जल शक्ति विभाग मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को ज्ञापन भेज कर आग्रह किया है कि उनके भविष्य और परिवार की परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए सहानुभूतिपूर्वक विचार कर हमें रोजगार से वंचित न किया जाए।

हटाए गए कर्मचारियों को दोबारा नौकरी में मिलेगी प्राथमिकता : एक्सियन
इस संदर्भ में जल शक्ति विभाग बड़सर के अधिशासी अभियंता देवराज चौहान का कहना है कि जिस आऊटसोर्स कंपनी के माध्यम से इन कर्मचारियों को रखा गया था उस कंपनी के साथ सरकार का अनुबंध 31 दिसम्बर, 2022 को समाप्त हो गया है। अनुबंध समाप्त होने के चलते इन कर्मचारियों से सेवाएं नहीं ली जा सकतीं। हटाए गए कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान 7-8 दिन के अंदर अंदर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में अगर दोबारा किसी कंपनी के साथ ऐसा अनुबंध होता है तो हटाए गए कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जा सकती है।

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