हिमाचल में अब सड़क किनारे पहाड़ियां दरकने से पहले सैंसर देगा चेतावनी

Edited By Vijay, Updated: 25 Jun, 2019 11:24 PM

now sensor will warns before landslide in hills along the road

हिमाचल प्रदेश में मानसून के दस्तक देने से पहले सरकार का आपदा प्रबंधन तैयारियों में जुट गया है। इसके तहत सड़क किनारे पहाड़ियां दरकने वाले 18 स्थानों की 20 साइटों को चिन्हित किया गया है। ऐसे स्थानों पर यदि पहाड़ियां दरकती हैं तो सैंसर के माध्यम से सड़क...

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून के दस्तक देने से पहले सरकार का आपदा प्रबंधन तैयारियों में जुट गया है। इसके तहत सड़क किनारे पहाड़ियां दरकने वाले 18 स्थानों की 20 साइटों को चिन्हित किया गया है। ऐसे स्थानों पर यदि पहाड़ियां दरकती हैं तो सैंसर के माध्यम से सड़क पर चलने वाले वाहनों और लोगों को रैड लाइट से चेतावनी मिलेगी। इस चेतावनी का अर्थ यह होगा कि संबंधित स्थान पर सड़क किनारे पहाड़ दरक रहा है, जिससे कोई भी वाहन चालक और व्यक्ति सड़क से आगे की तरफ न गुजरे।

चेतावनी मिलने के बाद हरकत में आएगा आपदा प्रबंधन विभाग

यह चेतावनी मिलने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग हरकत में आ जाएगा। इस सैंसर सिस्टम को आई.आई.टी. मंडी के सहयोग से शुरू किया गया है। इसके सफल होने की स्थिति में आने वाले समय में अन्य स्थानों पर भी शुरू किया जाएगा ताकि किसी भी तरह की आपदा से बचा जा सके। जानकारी के अनुसार चम्बा और सुन्नी में लैंड स्लाइड सिस्टम का संचालन होगा, जिसे लोक निर्माण विभाग के सहयोग से चलाया जाएगा। 

सैंसर सिस्टम के लिए इन स्थानों का चयन

सैंसर सिस्टम के लिए प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर 20 साइटों को चयनित किया गया है। इसमें गुम्मा (जोगिंद्रनगर), ट्रानहैम, पंडोह, दियोडी, हणोगी माता, थलौट, द्वादा, जंगीरुग, रेणुका-दोसड़का, बिडोलिया अलटरनेट, गरफा डाउनहिल, गरफा, गरफा अपहिल, उरला-1, उरला-2, हणोगी डिपरसेटिड, स्प्रींकलर, नारला, कोटरोपी (अपहिल) और कोटरोपी (डाउनहिल) शामिल हैं।

65 सैटेलाइट फोन से मानसून पर रहेगी नजर, मॉक ड्रिल का आयोजन

मानसून के दौरान संचार व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए 65 सैटेलाइट फोन की मदद ली जाएगी। सैटेलाइट फोन किस तरह से काम करेंगे। इसको लेकर प्रदेशभर में मॉक ड्रिल हुई। सैटेलाइट फोन राज्य व जिला मुख्यालय के अलावा दुर्गम क्षेत्रों उप खंड काजा, उदयपुर, पांगी तथा किन्नौर के 7 जनजातीय स्थानों में 28 स्थानों पर उपलब्ध करवाए गए हैं। साथ ही पुलिस विभाग को 37 आईसैटस उपलब्ध करवाए गए हैं। मॉक ड्रिल के दौरान प्रात: 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक सभी आईसैट फोन से अलग-अलग स्थानों पर कॉल की गईं।

सैटेलाइट फोन से रहेगी नजर : ओंकार शर्मा

प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि सैटेलाइट फोन से मानसून के दौरान नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि गत वर्ष मानसून व बर्फ बारी के दौरान संचार व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। इससे सीख लेते हुए सैटेलाइट फोन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार और प्रज्ञा संगठन (रॉयल एनफील्ड के साथ अपने प्रोजैक्ट के तहत) की सहायता से मनाली-लेह मार्ग में ब्लैकआऊट जोन पर 8 अतिरिक्त आईसैट फोन जोड़ेगी। इसके अतिरिक्त दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों में उपायुक्तों से प्राप्त आवश्यकता के अनुसार संबंधित जिलों में आईसैट फ ोन उपलब्ध करवाए जाएंगे।

ये रहे मॉक ड्रिल में मौजूद

निदेशक व विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) डी.सी. राणा, हिमाचल प्रदेश पुलिस अधीक्षक (सी.टी.एस.) राजेश वर्मा, बी.एस.एन.एल. के डी.जी.एम. आर.पी. सिंह और टैलीकम्युनिकेशन विभाग के ए.डी.जी. (सुरक्षा) संजीव मीना भी मॉक ड्रिल की पूरी प्रक्रिया को समन्वित करने के लिए उपस्थित थे।

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