Edited By Vijay, Updated: 25 Jun, 2025 04:45 PM

हिमाचल प्रदेश में अब एचआईवी, एसटीआई (यौन संचारित रोग), टीबी और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
शिमला (राजेश): हिमाचल प्रदेश में अब एचआईवी, एसटीआई (यौन संचारित रोग), टीबी और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राज्य सरकार ने इन मरीजों के लिए घरद्वार पर दवाइयों, जांच और चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को राजधानी शिमला स्थित अपने आधिकारिक आवास ओक ओवर से इस पहल की शुरुआत करते हुए 12 ई-स्कूटरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रदेश के 8 जिलों में तैनात हाेंगे ई-स्कूटर
ये ई-स्कूटर हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा स्वास्थ्य विभाग को प्रदान किए गए हैं और इन्हें प्रदेश के 8 जिलों में तैनात किया जाएगा। सरकार की इस योजना का उद्देश्य दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है, जिससे कोई भी व्यक्ति उचित इलाज से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री ने इस पहल को एक “समर्पित और मानवीय प्रयास” करार देते हुए कहा कि इससे प्रदेश के हजारों मरीजों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है और यह कदम उसी दिशा में एक बड़ा परिवर्तन लाएगा।
एचआईवी मुक्त प्रदेश बनाना हम सभी की जिम्मेदारी : मुख्यमंत्री
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश को एचआईवी मुक्त बनाना केवल सरकार की नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने रेड रिबन क्लब, युवाओं, शैक्षणिक संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों की भूमिका की सराहना की और कहा कि वे जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ये ई-स्कूटर स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाएंगे और मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में मदद करेंगे।
प्रदेश में 6 हजार से अधिक एचआईवी संक्रमित मरीज
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 6000 से अधिक लोग एचआईवी से ग्रसित हैं, जिनमें से अधिकांश मरीजों में इस वायरस का प्रभाव नियंत्रण में है। उन्होंने इसे राज्य सरकार की नीतियों और निरंतर प्रयासों की सफलता का प्रमाण बताया। इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य एड्स नियंत्रण समिति प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में स्थापित 471 रwड रिबन क्लबों के माध्यम से युवाओं को एचआईवी और अन्य यौन संचारित रोगों के प्रति जागरूक कर रही है।
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