नगरोटा बगवां भाई-भाभी मर्डर मामला : आरोपी ने 26 दिन बाद एस.पी. कार्यालय में किया सरैंडर

Edited By Kuldeep, Updated: 27 Nov, 2023 09:32 PM

nagrota bagwan murder accused surrender

नगरोटा बगवां के जसौर में भाई-भाभी की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी ने 26 दिन बाद रविवार देर रात एस.पी. कार्यालय में सरैंडर कर दिया। आरोपी एस.पी. कार्यालय में अपने रिश्तेदार के साथ पहुंचा था, वहीं आरोपी के सरैंडर करने के बाद नगरोटा बगवां पुलिस ने...

नगरोटा बगवां/धर्मशाला (बिशन दास/तनुज): नगरोटा बगवां के जसौर में भाई-भाभी की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी ने 26 दिन बाद रविवार देर रात एस.पी. कार्यालय में सरैंडर कर दिया। आरोपी एस.पी. कार्यालय में अपने रिश्तेदार के साथ पहुंचा था, वहीं आरोपी के सरैंडर करने के बाद नगरोटा बगवां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। वारदात के बाद से ही आरोपी फरार था और लोकेशन बदल-बदल कर पुलिस से छिपता फिर रहा था। वारदात के बाद आरोपी अपनी निजी गाड़ी से ज्वाली होते हुए नूरपुर के बॉर्डर से होते हुए दिल्ली पहुंचा था। दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास उसकी गाड़ी को 15 दिन पहले देखा गया, जिसे सीज कर रेलवे पुलिस को आरोपी के फोटोग्राफ  शेयर किए गए थे।

साथ ही पुलिस ने गाड़ी के टायर पंक्चर कर दिए थे, जिससे कि आरोपी गाड़ी लेने आए तो पुलिस को पता चल सके। आरोपी दिल्ली से गोवा चला गया था जिसकी जानकारी पुलिस को ट्रैवल एजैंट से भी मिली थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को मॉनीटर करना शुरू कर दिया था। वहीं गोवा से वापस दिल्ली पहुंचने के बाद वह जयपुर और मथुरा भी गया था। वह एक-दो दिन छोड़कर मूवमैंंट कर रहा था। रविवार को वह अमृतसर पहुंचा था और अपने परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया। इसके बाद वह होशियारपुर पहुंचा और वहां से टैक्सी कर अपनी बहन के घर पहुंचा और बहन के माध्यम से वह रविवार देर रात एस.पी. कार्यालय पहुंचा और सरैंडर कर दिया।

हत्याकांड के फरार आरोपी ने पुलिस को खूब दौड़ाया। आरोपी तक पहुंचने के बावजूद पुलिस की हाईटैक तकनीक उसे पकडऩे में सफल नहीं हो पाई। हालांकि आरोपी कोई पेशेवर अपराधी नहीं था, फिर भी 24 दिनों तक पुलिस को चकमा कैसे देता रहा। यह सारा खुलासा तो पुलिस पूछताछ में ही होगा लेकिन सूत्रों से यह भी पता चला है कि आरोपी क्राइम सीरियल देखने का शौकीन था। टाइम टू टाइम लोकेशन चेंज और पुलिस को छकाना यह ऐसे सीरियल से लिया कोई आइडिया भी हो सकता है। जो तरीके उसने भागने में अपनाए वो सब क्राइम सीरियलों की उपज हो सकता है।

जैसे किवारदात को अंजाम देने के बाद उसके भागने का सुराग पुलिस को न मिले, इसके लिए सबसे पहले आरोपी ने अपना मोबाइल फोन फैंक दिया, ताकि पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस न कर सके। आरोपी अपने परिजनों को रास्ते में उतार कर 53 मील, मटौर से रानीताल से जवाली, नूरपुर व डमटाल होते हुए सीधा दिल्ली भाग गया। इस दौरान आरोपी ने अपनी कार का फास्टैग भी उतार दिया, ताकि टोल प्लाजा पर उसकी लोकेशन न आ जाए। आरोपी ने इस दौरान पुलिस से बचने के लिए न तो अपना आधार कार्ड कहीं पर यूज किया न ही ए.टी.एम. कार्ड। जानकारी के अनुसार आरोपी के पास 70 से 80 हजार रुपए नकद कैश था, उसी से गुजारा करता रहा। हालांकि पुलिस सी.सी.टी.वी. फुटेज के आधार पर सब जान गई थी कि आरोपी कहां और किस रास्ते से भागा और किस-किस पैट्रोल पंप पर पैट्रोल डलवाया, लेकिन पुलिस जब तक नूरपुर पहुंची होगी, तब तक आरोपी 2-3 राज्यों की सीमा पार कर चुका था।

ऐसे हुआ आत्मसमर्पण को मजबूर
सूत्र बताते हैं कि आरोपी की कोई लोकेशन ट्रेस न होने पर पुलिस ने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर खड़ी उसकी कार के टायर इसलिए पंक्चर कर दिए, ताकि उसे मैसेज जाए कि पुलिस उसके पीछे पड़ी है। आरोपी ने इस दौरान अपने परिजनों से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन सभी के फोन बंद आने पर वह घबरा गया कि कही उन्हें पुलिस तंग तो नहीं कर रही है। उसके उपरांत आरोपी ने नोएडा से एक चि_ी अपनी पत्नी को लिखी, वह भी पुलिस के हाथ लग गई। जब आरोपी को लगा कि पुलिस उसकी पत्नी व बच्चों को तंग करेगी, इसी डर में उसने आत्मसमर्पण कर दिया।

हर गतिविधि कर रहे थे मॉनीटर : एस.पी.
एस.पी. कांगड़ा शालिनी अग्रिहोत्री ने बताया कि डबल मर्डर मामले में पुलिस टीम देश के 4 राज्यों में आरोपी पर नजर रख रही थी। उसकी गतिविधियों को मॉनीटर किया जा रहा  था। सी.सी.टी.वी. फुटेज की चैकिंग सहित अन्य माध्यमों से आरोपी का पीछा किया जा रहा था।

पत्नी और बेटी से दुव्र्यवहार पर तैश में आ गया था
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि दोनों परिवारों में विवाद चल रहा था। 2 नवम्बर को हादसे के दिन झगड़े की सूचना दोनों ही परिवारों की महिलाओं ने अपने पतियों को दी थी जिस पर मृतक स्कूल से घर पहुंचे थे, जबकि दीपक भी अपने बेटे व गाड़ी के साथ क्षेत्र में ही मौजूद था और दोनों ही मौके पर पहुंच गए। साथ ही आरोपी का यह भी कहना है कि उसके भाई का व्यवहार भी उनके और माता-पिता के साथ सही नहीं था। घटना वाले दिन भी जब उसको पता चला कि उसकी पत्नी और बेटी के साथ दुव्र्यवहार किया गया है तो वह तैश में आ गया। इस दौरान आरोपी दीपक ने अपनी कार में रखी बंदूक से भाई विपन और भाभी रमा पर 4 गोलियां दागकर उनकी हत्या कर मौके से फरार हो गया था।

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