Edited By Vijay, Updated: 20 Feb, 2025 10:08 PM
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हिमाचल प्रदेश करुणामूलक संघ विभिन्न माध्यम से सरकार के समक्ष अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। इसी कड़ी में अब अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए संघ ने मिशन स्पीड पोस्ट अभियान शुरू किया है।
शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश करुणामूलक संघ विभिन्न माध्यम से सरकार के समक्ष अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। इसी कड़ी में अब अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए संघ ने मिशन स्पीड पोस्ट अभियान शुरू किया है। इस तहत बीते 15 से 20 वर्षों से करुणामूलक नौकरियां का इंतजार कर रहे करुणामूलक परिवारों द्वारा मुख्यमंत्री, गठित सब कमेटी, नेताओं, मुख्य सचिव और वित्त सचिव को स्पीड पोस्ट के माध्यम से मांग पत्र भेजे जा रहे हैं। संघ की मांग है कि पॉलिसी में संशोधन कर बिना किसी भेदभाव के मृतक कर्मचारी की मृत्यु तिथि की वरिष्ठता के आधार पर नौकरियां दी जाएं ताकि किसी भी परिवार के साथ किसी तरीके का भेदभाव न हो। करुणामूलक संघ ने पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिमला स्थित कालीबाड़ी मंदिर के समीप एक वर्षाशालिका में 432 दिन तक क्रमिक हड़ताल की थी। संघ के अनुसार हड़ताल के चलते कुछेक करुणामूलक परिवारों को रोजगार मिला लेकिन कुछ आश्रित सरकार की गलत नीतियों के कारण आज भी नौकरी से वंचित रहे।
ये हैं मुख्य मांगें
करुणामूलक संघ की मुख्य मांगों में आगामी कैबिनेट में पॉलिसी में संशोधन करना, 62500 एक सदस्य सालाना आय शर्त को हटाना, सालाना आय सीमा को 2.50 लाख से अधिक करना, वित्त विभाग द्वारा निरस्त केसों को दोबारा विचार करने की अधिसूचना जारी करना। क्लास-सी व डी में 5 प्रतिशत कोटे की शर्त को हटाना। योग्यता के अनुसार क्लास-सी व डी की सभी श्रेणियों (तकनीकी और गैर-तकनीकी) के सभी पदों में शैक्षणिक योग्यता के अनुसार नौकरियां देना और जिन विभागों में खाली पद हैं, उनसे जुड़े मामले दूसरे विभाग में शिफ्ट करके नौकरियां देना शामिल है।
क्या बोले संघ के प्रदेशाध्यक्ष
संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि करुणामूलक आधार पर नौकरियों का इंतजार करते हुए कई परिवारों को 15 से 20 वर्ष हो चुके हैं लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। ऐसे में अब संघ ने मिशन स्पीड पोस्ट अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव के समय 6 माह के भीतर नौकरियां देने का वायदा किया था लेकिन वायदा पूरा नहीं हुआ।
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