Edited By Vijay, Updated: 25 Jul, 2025 06:15 PM

करसोग में बीते 30 जून की रात मूसलाधार बारिश और बादल फटने की भयावह घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। कई लोगों की जानें चली गईं, कई अब भी लापता हैं, और कई परिवारों के घर-वार इस प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गए.....
करसोग (धर्मवीर गाैतम): करसोग में बीते 30 जून की रात मूसलाधार बारिश और बादल फटने की भयावह घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। कई लोगों की जानें चली गईं, कई अब भी लापता हैं, और कई परिवारों के घर-वार इस प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गए, लेकिन इस दुख और तबाही के बीच एक अद्भुत और आस्था को मजबूती देने वाला दृश्य भी सामने आया है। डांगा नाले से एक प्राचीन शिव-विष्णु की मूर्ति बहकर आई है, जिसे देख स्थानीय लोगों की आंखों में आस्था की चमक लौट आई है।
झरने के नीचे मिट्टी में दबी हुई थी मूर्ति
करसोग से करीब 4 किलोमीटर दूर मंडी-शिमला मार्ग पर पैट्रोल पंप के पास स्थित डांगा नाले में यह मूर्ति स्थानीय निवासी शुकरू राम भाटिया को शुक्रवार सुबह मिली। शुकरू राम ने बताया कि वह रोज की तरह सुबह 5 बजे सैर के लिए निकले थे, जब उन्होंने झरने के नीचे मिट्टी में दबी हुई यह मूर्ति देखी। उन्होंने तुरंत गांव के अन्य लोगों को बुलाया और मूर्ति को सावधानी से बाहर निकाला। शुकरू राम का मानना है कि यह मूर्ति संभवतः किसी मंदिर में स्थापित थी, जो हालिया बाढ़ के दौरान बहकर यहां तक पहुंच गई। मूर्ति की स्थिति और शिल्प देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह कई दशक पुरानी, शायद शताब्दी पुरानी भी हो सकती है।
एसडीएम करसोग ने ममलेश्वर महादेव मंदिर कमेटी को साैंपी मूर्ति
मूर्ति मिलने की खबर फैलते ही प्रशासन भी सक्रिय हो गया। उपमंडलाधिकारी (एसडीएम) करसोग गौरव महाजन स्वयं मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। प्रारंभिक जांच के बाद तय किया गया कि इस ऐतिहासिक मूर्ति को सम्मानपूर्वक ममलेश्वर महादेव मंदिर करसोग में स्थापित किया जाएगा। एसडीएम ने बताया कि इस प्रकार की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों का संरक्षण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि मंदिर कमेटी को मूर्ति विधिवत रूप से सौंप दी गई है, और श्रद्धा के साथ इसे मंदिर परिसर में स्थापित कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन को भी इस संबंध में जानकारी दे दी गई है, ताकि यदि मूर्ति से जुड़ा कोई पुराना रिकॉर्ड हो तो उसकी पहचान सुनिश्चित की जा सके।
एसडीएम ने जनता से की ये अपील
एसडीएम ने जनता से अपील की है कि यदि भविष्य में किसी को कोई और मूर्ति, मूर्तिशिल्प या ऐतिहासिक वस्तु मिले तो उसकी जानकारी तुरंत प्रशासन या पुलिस को दें। इससे न केवल ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा संभव होगी, बल्कि भविष्य में शोध के लिए भी महत्वपूर्ण प्रमाण उपलब्ध हो सकेंगे।