HRTC के बेड़े में शामिल होंगी 75 नई टाइप-1 इलैक्ट्रिक बसें

Edited By Vijay, Updated: 18 May, 2023 05:23 PM

meeting in shimla

एचआरटीसी के बेड़े में 75 नई टाइप-1 इलैक्ट्रिक बसें शामिल होगी। वहीं 225 डीजल बसों को निगम टाइप-2 इलैक्ट्रिक बसों से बदलेगा। इसके लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। वहीं प्रदेश सरकार एचआरटीसी को वित्तीय घाटे से उबारने के लिए नए कदम उठाएगी।

सीएम सुखविंदर सिंह ने की परिवहन विभाग के साथ बैठक, बोले-निगम को घाटे से उबारने के लिए सरकार उठाएगी नए कदम
शिमला (राजेश):
एचआरटीसी के बेड़े में 75 नई टाइप-1 इलैक्ट्रिक बसें शामिल होगी। वहीं 225 डीजल बसों को निगम टाइप-2 इलैक्ट्रिक बसों से बदलेगा। इसके लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। वहीं प्रदेश सरकार एचआरटीसी को वित्तीय घाटे से उबारने के लिए नए कदम उठाएगी। एचआरटीसी को वित्तीय घाटे से उबारने और नई इलैक्ट्रिक बसों के विस्तार को लेकर परिवहन विभाग की एक बैठक  मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम में चरणबद्ध तरीके से डीजल बसों को इलैक्ट्रिक बसों या ई-बसों में बदला जा रहा है। वर्तमान में निगम के बेड़े में पहले से ही 95 इलैक्ट्रिक बसें शामिल हैं और निकट भविष्य में इनकी संख्या में और वृद्धि की जाएगी।

75 ई-बसों के लिए मार्गों की पहचान
मुख्यमंत्री कहा कि टाइप-1 की 75 ई-बसें खरीदने की योजना पर काम चल रहा है, जिसकी निविदाएं पहले ही जारी कर दी गई हैं। इसके लिए लैटर ऑफ अवार्ड अगले माह तक जारी होने की उम्मीद है। इन 75 ई-बसों के लिए मार्गों की पहचान कर ली गई है और चार्जिंग स्टेशनों सहित आवश्यक बुनियादी ढांचा विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा निगम ने 225 डीजल बसों को टाइप-2 ई-बसों से बदलने के लिए मार्गों की पहचान की है। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी को वित्तीय घाटे से उबारने के लिए राज्य सरकार इसमें व्यापक सुधार लाएगी। बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, विधायक राजेश धर्माणी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग, एचआरटीसी प्रबंध निदेशक संदीप कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। 

इलैक्ट्रिक वाहनों के संचालन को 6 ग्रीन कॉरिडोर होंगे स्थापित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हरित बजट पेश किया है और 31 मार्च, 2026 तक प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य का लक्ष्य ई-वाहनों के संचालन में आदर्श स्थापित करना है और इन वाहनों के संचालन के लिए प्रदेश में 6 ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश में कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में ई-वाहनों के संचालन को बढ़ावा देना सरकार की रणनीति का हिस्सा है।

हमीरपुर में 2 वर्षों में तैयार होगा बस पोर्ट, ई-बस डिपो को भी जगह चिन्हित 
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश बस स्टैंड प्रबंधन एवं विकास प्राधिकरण द्वारा हमीरपुर में आगामी 2 वर्षों के भीतर बस पोर्ट तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त हमीरपुर जिले के नादौन में ई-बस डिपो के निर्माण के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। वहीं बैठक में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने निगम की सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताते हुए परिवहन क्षेत्र में किए गए सुधारों के लिए समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने निगम की कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में बहुमूल्य सुझाव भी दिए।

क्या है टाइप-1, टाइप-2 व टाइप 3 इलैक्ट्रिक बसें 
इलैक्ट्रिक बसों में टाइप-1 बसें वह हैं जिन्हें लोकल रूटों पर चलाया जाएगा। इन बसों की क्षमता लोकल में चलने तक ही सीमित होगी। वहीं टाइप -2 मेें उन इलैक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया है। जिन्हें लम्बे रूटों पर चलाया जाएगा इनकी क्षमता अन्य इलैक्ट्रिक बसों से अधिक होगी। वहीं टाइप-3 में लग्जरी इलैक्ट्रिक बसों को शामिल किया है, जिनकी खरीद आगामी समय में निगम करेगा। 

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