Himachal: इस बार 45 दिन चलेगी पवित्र किन्नर कैलाश की यात्रा, एक घंटे में बुक हाे गए 6 दिनाें के सभी स्लॉट

Edited By Vijay, Updated: 13 Jul, 2025 04:21 PM

kinner kailash yatra

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में स्थित पवित्र किन्नर कैलाश की वार्षिक यात्रा इस साल पहले से कहीं अधिक भव्य और लंबी होगी। इस बार यह यात्रा 15 जुलाई से शुरू होकर 30 अगस्त तक (कुल 45 दिन) चलेगी।

किन्नाैर: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में स्थित पवित्र किन्नर कैलाश की वार्षिक यात्रा इस साल पहले से कहीं अधिक भव्य और लंबी होगी। इस बार यह यात्रा 15 जुलाई से शुरू होकर 30 अगस्त तक (कुल 45 दिन) चलेगी। पहले यह यात्रा सिर्फ 15 दिनों के लिए होती थी, लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और धार्मिक महत्व को देखते हुए इस बार प्रशासन ने इसकी अवधि तीन गुना बढ़ा दी है। प्रदेश की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाने वाली किन्नर कैलाश यात्रा तांगलिंग गांव से ही शुरू हाेती है जो समुद्रतल से लगभग 6 हजार फुट की ऊंचाई पर है, जबकि किन्नर कैलाश की चोटी लगभग 19,850 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यात्रा को पूरा करने में कम से कम 2 दिन का समय लगता है।

15 से 20 जुलाई तक के सभी स्लॉट बुक
15 जुलाई से शुरू हो रही यात्रा के लिए ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हुई और पहले ही दिन 15 से 20 जुलाई तक के सभी स्लॉट एक घंटे के भीतर भर गए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार श्रद्धालुओं में उत्साह चरम पर है। ऑनलाइन पंजीकरण सुबह 10:30 बजे से जिला प्रशासन की आधिकारिक वैबसाइट hpkinnaur.nic.in पर किया जा सकता है। वहीं, ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा तांगलिंग गांव में दोपहर 2 बजे से उपलब्ध है, जो पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। 

प्रतिदिन 350 श्रद्धालुओं काे मिलेगी अनुमति
प्रशासन ने किन्नर कैलाश यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है। यात्रा के दाैरान प्रतिदिन 350 श्रद्धालुओं काे ही जाने अनुमति मिलेगी। इसमें ऑनलाइन पंजीकरण वाले 175 यात्री, ऑफलाइन पंजीकरण वाले 125 यात्री और किन्नौर टूरिज्म एसोसिएशन कोटा से 50 यात्री शामिल हाेंगे। 

कड़ी सुरक्षा और सुविधाएं
इस बार प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक पुख्ता किया है। यात्रा मार्ग पर 20 पुलिस कर्मी और होमगार्ड जवान, वन विभाग के 7 कर्मचारी, 3 मेडिकल स्टाफ और एक चिकित्सक तैनात रहेंगे, साथ ही पूरे मार्ग पर 6 सीसीटीवी कैमरे, 13 शौचालय और पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 2-2 बेस कैंप तांगलिंग गांव, मोलिंग खट्टा और गुफा में स्थापित किए गए हैं।

बिना पंजीकरण और मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं मिलेगी इजाजत
जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि बिना वैध पंजीकरण और मेडिकल सर्टिफिकेट के किसी भी श्रद्धालु को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई बिना अनुमति पकड़ा गया, तो उसे तुरंत वापस भेजा जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मेडिकल चेकअप की सुविधा पीएचसी तांगलिंग में सुबह 9:30 से शाम 4 बजे तक उपलब्ध हाेगी। मेडिकल सर्टिफिकेट की वैधता 7 दिन हाेगी। श्रद्धालुओं काे पंजीकरण के समय अंडरटेकिंग फॉर्म भरना होगा वहीं 200 रुपए ग्रीन टैक्स भी देना हाेगा। यह शुल्क पूरी यात्रा में एक बार ही लिया जाएगा। वहीं ऑनलाइन पंजीकरण वाले श्रद्धालु यदि सुबह 11 बजे तक रिपोर्ट नहीं करते हैं, तो उनका स्लॉट रद्द माना जाएगा और वह किसी अन्य को दे दिया जाएगा।

भोजन, ठहराव और खर्च का ब्यौरा
प्रशासन ने यात्रा के दाैरान भोजन और अन्य सेवाओं के रेट भी तय कर दिए हैं, ताकि श्रद्धालुओं से कोई मनमाना शुल्क न वसूला जाए। यात्रा के दौरान फुल थाली 200 रुपए, मैगी 60 रुपए, चाय प्रति कप 20 रुपए, गाइड की फीस 1500 से 2000 रुपए प्रति दिन, पोर्टर चार्ज (सामान उठाने के लिए) 1000 रुपए, मोलिंग खट्टा (गणेश पार्क) में बिना भोजन रात्रि ठहराव के 700 रुपए और भोजन सहित रात्रि ठहराव के 1300 रुपए लिए जाएंगे।

यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह तैयार : अमित कल्धाइक
इस विषय में उपमंडलाधिकारी कल्पा एवं जिला पर्यटन अधिकारी अमित कल्धाइक ने जानकारी दी कि प्रशासन ने किन्नर कैलाश यात्रा को लेकर समस्त तैयारियां पूरी कर ली हैं। उनका कहना है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर स्तर पर व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगले ऑनलाइन स्लॉट्स मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए खोले जाएंगे, इसलिए श्रद्धालुओं को जिला वेबसाइट पर नजर बनाए रखनी होगी।

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